वर्ष 2020 से 2022

अध्यक्षा 

श्रीमती आशा माहेश्वरी, कोटा

महामंत्री 

श्रीमती मंजू बांगड़, कानपुर

हरिद्वार- हरि का द्वार, ईश्वर का द्वार, ईश्वर का द्वार मिलता है- सेवा के मार्ग पर चलकर। सदियों तक का रिसता है बूंद-बूंद पानी चट्टानों के गर्भ में। असीम शक्ति लगती है चट्टान फोड़ जलधारा के रूप में प्रवाहित होने में। महिला संवेदनाओं को प्रभावित करने का भगीरथ प्रयास किया अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन के संस्थापक अध्यक्ष ने। अलकनंदा के इस प्रवाह में अनेकों प्रयाग आये। धारा में धारा मिलती गई, विस्तारित होती रही, पहाड़ों की पथरीली जमीन पर अपना मार्ग बनाती रही। समाज, संस्कृति, अध्यात्म, राष्ट्र, शिक्षा, सुरक्षा व संस्कार की धाराओं के संगम से महिला संगठन सघन, सबल, सफल होता रहा।

हरिद्वार में गंगा के विशालता मिली, गहनता मिली, परिभाषा मिली और उसने इस अवसर को अति फलीभूत कर दिया। बंजर जमीन को गंगा की उपजाऊ कछार बना दिया। अपनी कर्मठता, दयता एवं समग्रता के कारण वह पूजनीय मां गंगा बन गई।

दसवें सत्र तक आते-आते महिला संगठन ने अपने आप को विशदता से स्थापित किया है। इस ” एकादश सत्र ” में भारतीय संस्कृति के ‘एकादश’ शब्द को सार्थक करते हुए हरिद्वार से गंगा के महा प्रयाण की तरह संपूर्ण भारतवर्ष की सामाजिक, सांस्कृतिक, राष्ट्रीय भावना का उदारता से संभालते, संवारते, सजाते हमें विशदता, विशालता एवं वैचारिक महत्ता को प्राप्त करना होगा । श्रृंखलाबद्ध संगठन का “सत्ताइसी संगम” समाज हित में गंगा की तरह उपजाऊ और फलदायी सिद्ध हो- यही ईश्वर से वंदना- अर्चना- प्रार्थना है।

एकादश सत्र के चयनित पदाधिकारी :

अध्यक्षा : श्रीमती कल्पना गगडानी, मुम्बई

निवर्तमान अध्यक्षा : श्रीमती सुशीला माहेश्वरी, इंदौर

महामंत्री : श्रीमती आशा माहेश्वरी, कोटा

कोषाध्यक्षा : श्रीमती कौशल्या गट्टानी, उदयपुर

संगठन मंत्री : श्रीमती मंजू बांगड़, कानपुर

उपाध्यक्षा पूर्वांचल : श्रीमती सरला काबरा, गौहाटी

उपाध्यक्षा पश्चिमांचल : श्रीमती ममता मोदानी

उपाध्यक्षा मध्यांचल : श्रीमती ज्योति राठी, रायपुर

उपाध्यक्षा उत्तरांचल : श्रीमती कांता गगरानी, आगरा

उपाध्यक्षा दक्षिणांचल : श्रीमती शैला कलंत्री, येवला

संयुक्त सचिव पूर्वांचल : श्रीमती मंजू कोठारी, कोलकात्ता

संयुक्त सचिव पश्चिमांचल : श्रीमती फूलकौर मूंदड़ा, जोधपुर

संयुक्त सचिव मध्यांचल : श्रीमती मंगल मर्दा, वापी

संयुक्त सचिव उत्तरांचल : श्रीमती शर्मिला राठी, दिल्ली

संयुक्त सचिव दक्षिणांचल : श्रीमती प्रकाश मूंदड़ा, बेंगलोर

प्रथम बैठक- एकादश समिति प्रभारियों के साथ- दिल्ली

अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन की अध्यक्षा श्रीमती कल्पनाजी गगडानी की अध्यक्षता में एक बैठक एकादश समिति प्रभारियों के साथ दिल्ली में महामंत्री श्रीमती आशाजी माहेश्वरी, भूतपूर्व राष्ट्रीय अध्यक्षा श्रीमती शोभाजी सादानी, उपाध्यक्षा उत्तरांचल श्रीमती कांताजी गगरानी, संयुक्त सचिव उत्तरांचल श्रीमती शर्मिला राठी एवं राष्ट्रीय कार्यालय मंत्री श्रीमती सुषमाजी मूंदड़ा, ठाणे की उपस्थिति में सफलतापूर्वक संपन्न हुई।

सर्वप्रथम अध्यक्षा श्रीमती कल्पनाजी ने सभी समिति प्रभारियों को बताया कि उन्हें क्या अपेक्षाएं हैं सभी समितियों से तत्पश्चात सभी समिति प्रभारियों ने अपनी अपनी समिति का उद्देश्य एवं अपनी समिति की कार्य योजनाएं प्रस्तुत की। काफी विचार विमर्श हुआ। कार्य योजना पूर्ण रूप से तैयार हुई। बहुत ही सारगर्भित बैठक रही।

इस बैठक में समिति प्रभारी उपस्थित रहे : 

१. श्रीमती गिरजा सारड़ा, नेपाल (सुश्रिता समिति)

२. श्रीमती पुष्पा तोषनीवाल, पुणे (सुगंधा समिति)

३. श्रीमती उर्मिला कलंत्री, अहमदाबाद (संचारिका समिति)

४. श्रीमती प्रेमा झंवर, कानपुर ( सुरभि समिति)

५. श्रीमती सोनाली मूंदड़ा, कोलकाता (सुकीर्ति समिति)

६. श्रीमती निशा लड्ढा, कोलकाता (सुरम्या समिति)

७. श्रीमती शोभा भदादा, भीलवाड़ा (सौष्ठ समिति)

८. श्रीमती मंजू मानधना, दिल्ली (सुलेखा समिति)

९. श्रीमती निर्मला बाहेती, इंदौर (संवरना समिति)

१०. श्रीमती कमला मोहता, नागपुर (सुषमा समिति)

” संगठन यात्रा- राष्ट्रीय अध्यक्षा की “

एक बीड़ा उठाया है, संगठन को और अधिक सशक्त बनाने का, हर गांव में संगठन की अलख जगाने का, प्रत्येक माहेश्वरी महिला तक पहुंचने का, उस का सर्वांगीण विकास करने का, उसकी प्रतिभा को प्रसारण का अवसर देने का, उसे आत्म निर्भर बनाने का। इन सबके लिए आवश्यक है “संगठन यात्रा” यही तो हमें समझाएगी कि कहां किस प्रकार के कार्य की आवश्यकता है ?

महाराष्ट्र हमारा अति विकसित प्रदेश है। यहां माहेश्वरी परिवारों की संख्या भी बहुत है। अतः अपनी कार्य योजनाओं को यहां के पदाधिकारियों को समझा कर गांव – गांव तक पहुंचाना पहली प्राथमिकता थी। “जलगांव” की पदाधिकारी बैठक में विस्तारपूर्वक महाराष्ट्र में इन कार्यों की रूपरेखा रखी एवं सभी समितियों के लिए समिति संयोजक नियुक्त किए। दो माह पश्चात् “एरंडोल” में महाराष्ट्र के समस्त जिलाधिकारी एवं समिति संयोजक (स्थानीय) के साथ योजनाओं के निरूपण की कार्यप्रणाली समझाई।

विदर्भ प्रदेश में अनेकों परिवार गरीबी रेखा से नीचे हैं, हमारी बहनें छोटे- छोटे कार्य जैसे- किराना दुकान, पानी पूरी का ठेला, सिलाई आदि से जीविका चला रही हैं। अनेकों को कार्य प्रारंभ हेतु सहयोग चाहिए। विदर्भ प्रदेश अध्यक्ष के अधीन सभी बड़े जिलों से सात बहनों का समूह बनाकर ऐसी बहनों को पता लगाकर सभी को आर्थिक सहायता प्रदान कर स्वावलंबी बनाने की वृहद योजना बनाई गई। नागपुर, सेलू, वर्धा, यवतमाल, पुसद, मालेगांव, अकोला का भ्रमण स्वयं किया। अब प्रदेश अन्य गांवों में जा कर यह कार्य करेगा।

कार्य योजनाओं को असरदार बनाने के लिए सभी समितियों के बीच सुंदर समन्वय आवश्यक है क्योंकि सभी कार्य एक दूसरे पर अवलंबित हैं, इस प्रयोजन से दिल्ली में समिति प्रभारियों के साथ एक दिन गहन चर्चा की गई। सबने अपने विचार रखे एवं एक कार्य प्रणाली का निर्धारण किया। भविष्य के बड़े कार्यक्रमों की भी योजना बनी।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मोदी नगर, अलीगढ़, बुलंदशहर, हापुड़, सहारनपुर, आगरा, गाजियाबाद, मीरापुर, मुज़फ़्फ़रनगर, मेरठ की बहनों के साथ संगठन की जानकारी, भावी योजनाओं एवं कई समितियों के कार्यक्रम जैसे- ग्रामीण विकास, प्रतिभा प्रसार, राष्ट्रीय समस्याएं आदि हुए। सशक्त संगठन कैसे बने एवं बहनों को आत्म निर्भर बनाने हेतु आर्थिक सहयोग प्राप्त करने की दिशा में वहां भी प्रदेश के अंतर्गत 8 महिलाओं का संगठन बना, मदद कार्य प्रारंभ करने की दिशा में प्रयास शुरु किया।

धसई थाना जिले के एक छोटे से गांव की यात्रा विशाल बन गई केवल बारह माहेश्वरी परिवार परंतु कार्य औरों से बारह गुना। हॉस्पिटल में एक्सरे मशीन एवं ईसीजी मशीन का दान। 200 व्यक्तियों का जनरल चेकअप। बीमारियां पता चलने पर मुफ्त इलाज एवं शल्य चिकित्सा ‘सांवरे की बाड़ी’ ५० घरों के छोटे से गांव में दूर कुंए से मोटर लगा एक पानी की टंकी की स्थापना एवं उससे गांव में घर- घर में पाइप लाइन डाल पानी पहुंचाना। गांव की महिलाओं, बच्चों को नए वस्त्र प्रदान करना। धसई में 39;साड़ी बैंक योजना’ के तहत अनेकों साड़ी वितरण। थाना जिला महिला संगठन द्वारा ‘अर्थ हाय’। ” संगठन यात्रा ” में गांव की महिलाओं को शिक्षा का महत्व समझाते हुए बच्चों को स्कूल (दूसरे गांव) में भेजने का आश्वासन एवं महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने हेतु सहायता की जानकारी। पूरे गांव के विकास की जवाबदारी के धसई क्षेत्र ने उठाने का संकल्प लिया।

औरंगाबाद, नाशिक, मुम्बई, खारघर, कल्याण, इंदौर, जयपुर, उज्जैन आदि स्थानों पर संगठन यात्रा द्वारा बहनों को संगठन की जानकारी एवं कार्य योजनाओं के विषय में विस्तार से समझाया।

१९ दिसंबर २०१६ को कार्यभार सँभालने के बाद तीन माह में इतना ही संभव हुआ है, लंबी यात्राएं अभी बाकी है…….

अध्यक्षा : श्रीमती कल्पना गगडानी

मकर सक्रांति के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय अध्यक्षा श्रीमती कल्पना गगडानी का राष्ट्र के नाम एक सन्देश…….

राष्ट्रीय महामंत्री की कलम से….

अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन के एकादश सत्र का शुभारंभ दिनांक 15 -16 अक्टूबर 2016 को हरिद्वार में हुआ। एकादश सत्र वर्ष 2016 से 2019 के पदाधिकारियों का चयन सर्वसम्मति से संपन्न हुआ। जिसमें वर्तमान सत्र की राष्ट्रीय अध्यक्षा श्रीमती कल्पनाजी गगडानी, मुंबई राष्ट्रीय महामंत्री श्रीमती आशाजी माहेश्वरी, कोटा बनी।

दिनांक 17 – 18 दिसंबर 2016 को बृहद कोलकाता प्रादेशिक माहेश्वरी महिला संगठन द्वारा एकादश सत्र के नव निर्वाचित पदाधिकारियों का पद स्थापना, अभिनंदन व स्वागत समारोह साल्ट लेक के स्प्रिंग क्लब के प्रांगण में आयोजित हुआ तथा पदाधिकारियों की प्रथम बैठक संपन्न हुई।

दिनांक 4 जनवरी 2017 को पश्चिमी मध्यप्रदेश के सप्तम सत्र की शपथ विधि राष्ट्रीय महामंत्री आशाजी माहेश्वरी द्वारा बड़े ही सुंदर तरीके से म्यूजिकल शपथ विधि करवाई एवं सभी पदों का अलग-अलग कार्यभार समझाया गया।

दिनांक 12 जनवरी 2017 को दिल्ली में नवीन सत्र की राष्ट्रीय अध्यक्षा कल्पनाजी गगडानी तथा महामंत्री आशाजी माहेश्वरी द्वारा संगठन के लक्ष्य निर्धारित करने के लिए 11 समितियां बनाकर कार्य योजना तैयार की। पहले पदाधिकारियों ने अपनी योजना बताई तथा 11 अलग-अलग समितियों से पूरी जानकारी ली। बैठक बहुत सार्थक रही। इसमें समिति प्रभारी एक तथा उसके साथ पांच या छह संयोजिकायें बनाई गई।

दिनांक 14 – 15 फरवरी 2017 को पूर्वी मध्य प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र शिवपुरी, गुना, नरवर के संगठनों का महामंत्री आशाजी ने भ्रमण किया तथा श्रृंखलाबद्ध संगठन, महासभा एवं महिला सेवा ट्रस्ट की जानकारी दी तथा संगठन के नवीन सत्र की योजना बनाई गई। दिनांक 15 फरवरी को पद स्थापना के साथ- साथ कार्यकर्ता प्रशिक्षण कार्यक्रम भी रखा गया जो बड़ा ही सारगर्भित रहा।

दिनांक 18 फरवरी 2017 को पूर्वी राजस्थान प्रादेशिक माहेश्वरी महिला संगठन का पद स्थापना कोटा में संपन्न हुआ, जिसकी पद स्थापना महामंत्री आशाजी माहेश्वरी ने संपन्न करवाई। पद स्थापना के साथ-साथ एक बच्ची को पढ़ाई के लिए महिला सेवा ट्रस्ट से Rs. 25000 की राशि भी प्रदान करवाई गई।

दिनांक 6 मार्च 2017 को कोटा जिला माहेश्वरी महिला संगठन के पद स्थापना के साथ-साथ राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में कार्यशाला का आयोजन किया गया। एडवोकेट बुलाकर “महिलाओं के संपत्ति में क्या अधिकार हैं” के बारे में जानकारी दी गई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महामंत्री श्रीमती आशाजी माहेश्वरी थी जिन्होंने महिलाओं की दोहरी भूमिका पर प्रकाश डाला। इसमें Nice Fitness प्रोग्राम भी रखा।

आगामी कार्यक्रम अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन की बैठक “संकल्प” दिनांक 8 – 9 अप्रैल 2017 को महाकाल की नगरी उज्जैन में संकल्प के साथ संपन्न होने जा रही है, उसकी रुपरेखा बनाने के लिए दिनांक 10 मार्च 2017 को वहां के स्थानीय पदाधिकारियों के साथ उस स्थल का
अवलोकन किया जहाँ कार्यक्रम संपन्न होने जा रहा है।

धन्यवाद !!
श्रीमती आशा माहेश्वरी, कोटा
राष्ट्रीय महामंत्री

मकर सक्रांति के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय अध्यक्षा श्रीमती कल्पना गगडानी का राष्ट्र के नाम एक सन्देश…….

ब्रज सुदर्शन यात्रा

सामाजिक चेतना के साथ

“सुदर्शन” – ब्रज यात्रा

7 सितम्बर से 15 सितम्बर 2017

7 सितंबर को प्रारम्भ

7 सितंबर को प्रारम्भ – अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन के तत्वाधान में उत्तराँचल द्वारा आयोजित “सुदर्शन” ब्रज यात्रा का शुभारम्भ अखिल भारत की महामंत्राणी श्रीमती आशा जी माहेश्वरी की उपस्थिति में हुआ। हरे कृष्णा आर्चिड में सभी पधारने वाली बहनों का स्वागत ढोल की थाप के साथ किया गया। इस यात्रा की विशेषता यही रही कि यह महज यात्रा न हो कर सामाजिक समस्याओं के निराकरण हेतु विभिन्न कार्यक्रमों का कार्य क्षेत्र भी रहा। प्रथम दिवस अर्थात 7 सितंबर को दोपहर में सुषमा समिति के अंतर्गत यमुना सफाई अभियान यात्रा की सभी बहनों द्वारा किया गया। केसी घाट पर सफाई के पश्चात् यमुना जी की आरती व सुन्दर भजन गाये गये। वृन्दावन निवासी आचार्य श्री विवेक जी भारद्वाज द्वारा 8 सितंबर के कार्यक्रम व नियमों से सभी को अवगत कराया।

8 सितंबर

 8 सितंबर – सर्वप्रथम यमुना जी की पूजा एवं चुनरी मनोरथ अति भव्य व सुन्दर रूप में किया गया। यात्रा के लिए प्रस्थान के समय आचार्य श्री विवेक जी महाराज ने सभी आगंतुकों को यात्रा के नियम बताए। इसके उपरान्त महामंत्राणी आशा जी माहेश्वरी, पूर्व अध्यक्षा सुशीला जी काबरा, कोषाध्यक्ष कौशल्या जी गट्टानी व संगठन मंत्री मंजू जी बांगड़ ने हरी झंडी दिखाकर यात्रा के लिए गाड़ियों को रवाना किया | सर्वप्रथम बलदेव जी, नंदी आनंदी दर्शन, ठाकुर जी की कुलदेवी दर्शन व ब्रह्माण्ड मंदिर दर्शन किये। चिंताहरण महादेव के दर्शन व दोपहर का भोजन, संध्या तक कुछ और दर्शनों के पश्चात मुंबई से पधारे श्री गिरधर जी डागा द्वारा सुन्दर भजन संध्या प्रस्तुत की गयी।

9 सितंबर

9 सितंबर – आचार्य जी श्री विवेक जी महाराज के सानिध्य में आज द्वारकाधीश, विश्राम घाट, जन्मभूमि मधुबन आदि के दर्शन किये। मथुरा माहेश्वरी महिला संगठन द्वारा तालवन में बच्चियों को रुबैला टीका का वितरण व स्वास्थय शिविर लगाया गया। तालवन में ही भोजन ग्रहण किया। अन्य स्थानों के दर्शन कर वापसी होटल में की। आज का मुख्य आकर्षण आगरा माहेश्वरी महिला संगठन द्वारा नुक्कड़ नाटक की प्रस्तुति जिसमें बहनों ने शौचालय की आवश्यकता, बेटी बचाओ, लिंग परीक्षण व परिवार नियोजन जैसी समस्याओं को बहुत प्रभावशाली ढंग से नाटक के रूप में प्रस्तुत किया। आगरा से पधारी डा. साहिबा ने जैविक खाद प्रकल्प को बहुत सरल माध्यम से सभी को बताया। सुलेखा समिति द्वारा तैयार प्रश्नोत्तरी में सभी बहनों ने भाग लिया।

10 सितंबर

10 सितंबर – विभिन्न दर्शनीय स्थलों के दर्शन के पश्चात सायंकाल में हैदराबाद की बहनों द्वारा सुदर्शन ब्रज यात्रा के वर्णन हेतु स्वरचित गीत सुनाया गया। आज का मुख्य आकर्षण कपि भोज व छप्पन भोग दर्शन थे। प्रश्नोत्तरी भी करवायी गयी।

11 सितंबर

11 सितंबर – आज की यात्रा में सभी महिलाओं को चारधाम के दर्शनों का सौभाग्य प्राप्त हुआ। कामवन के बद्रीनाथ में महिलाओं ने वृक्षारोपण किया जिसमें 150 पौधे लगाए | वापसी पर डीग फोर्ट में स्थित हनुमान मंदिर के दर्शन कर यात्रा समाप्त हुई। पूर्वी उत्तर प्रदेश की बहनों द्वारा रुक्मिनी मंगल की सुन्दर प्रस्तुति की गयी।

12 सितंबर

12 सितंबर – रामेश्वर धाम, कामाख्या आदि के दर्शन किये व यात्रा को सार्थक किया।

13 सितंबर

13 सितंबर – बरसाना, नंदगाँव आदि दर्शन किये। मीरापुर की बहनों के द्वारा आशेश्वर आश्रम (नंदगाँव) में स्कूल के बच्चों को पाठ्य सामग्री वितरित की गयी।

14 सितंबर

14 सितम्बर – चीरघाट, शेषशायी आदि के दर्शन किये | शाम को सुचिता समिति के अंतर्गत फूलों की होली का सुन्दर कार्यक्रम हुआ एवं प्रदेश पदाधिकारियों का अभिनन्दन किया गया |

15 सितंबर

15 सितम्बर – सुबह बहुत सारी बहनों द्वारा झारी भरी गयी | तत्पश्चात सामूहिक हवन व गऊदान बहुत ज़ोर शोर से संपन्न हुआ | इसके बाद मंचीय कार्यक्रम का आयोजन हुआ जिसमें अ. भा. मा. महासभा अध्यक्ष श्याम जी सोनी, उत्तरांचल उपाध्यक्ष अशोक जी सोमानी, पूर्व उत्तरांचल उपाध्यक्ष राधाकिशन जी सोमानी, पश्चिम उत्तर प्रदेश अध्यक्ष कमलेन्द्र जी माहेश्वरी, अ. भा. मा. महिला संगठन कोषाध्यक्ष कौशल्या जी गट्टानी, कार्यक्रम स्वागताध्यक्ष मंजू जी सोमानी व उत्तरांचल संरक्षिका रेखा जी माहेश्वरी ने अपनी उपस्थिति देकर कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई | इस यात्रा में पर्यावरण जागरूकता संबंधी विशेष सहयोग के लिए श्री नवल जी डागा व श्रीमती शारदा डागा का रेखा जी माहेश्वरी ने सम्मान किया |
इस यात्रा की परिकल्पना हमारी राष्ट्रीय अध्यक्षा कल्पना जी गगडानी व राष्ट्रीय समिति प्रमुख शोभा जी सादानी ने की | राष्ट्रीय पदाधिकारियों में उपाध्यक्ष सरला जी काबरा (पूर्वांचल), शैला जी कलंत्री (दक्षिणांचल), ममता जी मोदानी (पश्चिमांचल), सह मंत्री फूलकंवर जी मुंधड़ा (पश्चिमांचल) व मंजू जी कोठारी (पूर्वांचल) ने इस यात्रा में भाग लिया | यात्रा में बहनों के स्वास्थय का ध्यान रखते हुए एम्बुलेंस व मूवेबल टॉयलेट की व्यवस्था की गयी व 5-6 बहनों ने समय समय पर accupressure देकर बहनों को राहत पहुंचाई|
इस यात्रा को सफल बनाने का श्रेय उन सभी राष्ट्रीय समिति प्रभारी व संयोजिका, उत्तरांचल प्रदेश अध्यक्ष, सचिव व कार्यसमिति व अन्य बहनों को जाता है जिन्होंने इस कार्यक्रम को सजाने में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से सहयोग दिया है | पूरे देश से आयी हुई 190 बहनें व भाई, जिनके साथ 40 गाड़ियों के काफिले में यह यात्रा संपन्न हुई, उन सभी को साधुवाद |

Drivers

Quiz Prize Distribution

Quiz Prize Distribution

Full Group (190 people)

सानिध्य 2017

अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन का एकादश सत्र

महिला संगठन स्थापना के चौथे दशक की समाप्ति की ओर, सफर का लगभग चालीसवां वर्ष । एक निश्चित पड़ाव, एक ठहराव, भविष्य के लिए बहुत कुछ समेट कर रखने की तीव्र लालसा, मेहनत और अनुभव से एकत्रित संपदा, पीछे मुड़कर देखने का सुखद एहसास । कितना कठिन था वह पहल? घर की चारदीवारी से महिलाओं को बाहर निकालना, अस्तित्व की पहचान दिलवाना, बिना किसी धरातल के संगठन को खड़ा करना, महिलाओं को इकट्ठा करना, सामाजिक चेतना की अलख जगाना, नींव के पत्थर का शिलान्यास कराना– —

बंजर जमीन में बीज बोने का दुस्साहस था वह । साहस को सामर्थ्य मिला, बंजर जमीन को जलधार मिली । पूर्व अध्यक्षों का भगीरथी प्रयास फलदाई बना । अकेले मंजिल की ओर कदम बढ़ाए थे, लोग जुड़ते गए कारवां बनता गया।
अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन संगठित हो श्रृंखलाबद्ध संगठन बन गया । जड़ें मजबूत होती गई । शाखाओं ने तने का विस्तार कर दिया, बीज ने दरख़त का रुप ले लिया । स्थान, जिला, प्रदेश, अंचल की कड़ियों को जोड़ता हुआ संगठन सशक्त बनता चला ।

दरख़त फलदायक हो गया है, तो जरूरी है कि उसके फलों का स्वाद ज्यादा से ज्यादा लोगों की जिव्हा को रसमयी बनाए । दरख़त की छाया में हर थके हारे को सुकून का एहसास हो पाए । छाया को घनेरा और फलों को रसीला बनाने का अथक प्रयास माली का कर्म होता है, धर्म होता है ।

इस पड़ाव पर कुछ नई चुनौतियां भी है, सांस्कृतिक संक्रमण का दौर है, तकनीकी क्रांति का दौर है, अतिशय भौतिकवाद का दौर है, बदलती व्यवस्थाओं का दौर है इसलिए संगठन को और अधिक मजबूत बनाने का दौर है क्योंकि नसीहतें सिखाती हैं कि आंधियों में दरख़त उखड़ जाते हैं । इस दरख़त को तूफान का अंदाज है इसीलिए अपनी जमीन को और अधिक पुख्ता वह बनाएगा ।

हमारी शक्ति, हमारा ध्येय हमारी महिलाएं हैं, अतः उन्हें शिक्षित, संस्कारी, स्वावलंबी, सर्वगुण संपन्न बनाना हमारी पहली प्राथमिकता है । गांव में बसी महिलाओं को मुख्य धारा से जोड़ना, बच्चों को संस्कारी एवं हमारी किशोरियों को बदलते परिवेश में सामंजस्य बैठाते हुए सफलता की राह दिखलाना है । वृद्ध बहनों में जीवन का आनंद और उत्साह भरना है । बहू – बेटियों को अपना जीवन संवारते हुए आने वाली संतति के उत्तम पालन पोषण का दायित्व निर्वाह सिखाना है । स्वास्थ्य की सजगता जगानी है, विवाह संस्था में आई विकृति को दूर करना है, राष्ट्रीय समस्याओं का निराकरण करने में अपनी जिम्मेदारी उठाना है इस महँ संस्कृति का नई पीढ़ी को संज्ञान करना है ।

बहुत कुछ कर गुजरना है, कर दिखलायेंगे क्योंकि मन में विश्वास है, पूर्वजों का सर पर हाथ है और आशीर्वाद है, पदाधिकारियों का हाथ में हाथ है और प्रतिभावान कर्मठ सदस्याओं का साथ है ।
|| जय महेश ||

वर्ष 2017 से 2019

अध्यक्षा 

श्रीमती आशा माहेश्वरी, कोटा

महामंत्री 

श्रीमती मंजू बांगड़, कानपुर

हरिद्वार- हरि का द्वार, ईश्वर का द्वार, ईश्वर का द्वार मिलता है- सेवा के मार्ग पर चलकर। सदियों तक का रिसता है बूंद-बूंद पानी चट्टानों के गर्भ में। असीम शक्ति लगती है चट्टान फोड़ जलधारा के रूप में प्रवाहित होने में। महिला संवेदनाओं को प्रभावित करने का भगीरथ प्रयास किया अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन के संस्थापक अध्यक्ष ने। अलकनंदा के इस प्रवाह में अनेकों प्रयाग आये। धारा में धारा मिलती गई, विस्तारित होती रही, पहाड़ों की पथरीली जमीन पर अपना मार्ग बनाती रही। समाज, संस्कृति, अध्यात्म, राष्ट्र, शिक्षा, सुरक्षा व संस्कार की धाराओं के संगम से महिला संगठन सघन, सबल, सफल होता रहा।

हरिद्वार में गंगा के विशालता मिली, गहनता मिली, परिभाषा मिली और उसने इस अवसर को अति फलीभूत कर दिया। बंजर जमीन को गंगा की उपजाऊ कछार बना दिया। अपनी कर्मठता, दयता एवं समग्रता के कारण वह पूजनीय मां गंगा बन गई।

दसवें सत्र तक आते-आते महिला संगठन ने अपने आप को विशदता से स्थापित किया है। इस ” एकादश सत्र ” में भारतीय संस्कृति के ‘एकादश’ शब्द को सार्थक करते हुए हरिद्वार से गंगा के महा प्रयाण की तरह संपूर्ण भारतवर्ष की सामाजिक, सांस्कृतिक, राष्ट्रीय भावना का उदारता से संभालते, संवारते, सजाते हमें विशदता, विशालता एवं वैचारिक महत्ता को प्राप्त करना होगा । श्रृंखलाबद्ध संगठन का “सत्ताइसी संगम” समाज हित में गंगा की तरह उपजाऊ और फलदायी सिद्ध हो- यही ईश्वर से वंदना- अर्चना- प्रार्थना है।

एकादश सत्र के चयनित पदाधिकारी :

अध्यक्षा : श्रीमती कल्पना गगडानी, मुम्बई

निवर्तमान अध्यक्षा : श्रीमती सुशीला माहेश्वरी, इंदौर

महामंत्री : श्रीमती आशा माहेश्वरी, कोटा

कोषाध्यक्षा : श्रीमती कौशल्या गट्टानी, उदयपुर

संगठन मंत्री : श्रीमती मंजू बांगड़, कानपुर

उपाध्यक्षा पूर्वांचल : श्रीमती सरला काबरा, गौहाटी

उपाध्यक्षा पश्चिमांचल : श्रीमती ममता मोदानी

उपाध्यक्षा मध्यांचल : श्रीमती ज्योति राठी, रायपुर

उपाध्यक्षा उत्तरांचल : श्रीमती कांता गगरानी, आगरा

उपाध्यक्षा दक्षिणांचल : श्रीमती शैला कलंत्री, येवला

संयुक्त सचिव पूर्वांचल : श्रीमती मंजू कोठारी, कोलकात्ता

संयुक्त सचिव पश्चिमांचल : श्रीमती फूलकौर मूंदड़ा, जोधपुर

संयुक्त सचिव मध्यांचल : श्रीमती मंगल मर्दा, वापी

संयुक्त सचिव उत्तरांचल : श्रीमती शर्मिला राठी, दिल्ली

संयुक्त सचिव दक्षिणांचल : श्रीमती प्रकाश मूंदड़ा, बेंगलोर

प्रथम बैठक- एकादश समिति प्रभारियों के साथ- दिल्ली

अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन की अध्यक्षा श्रीमती कल्पनाजी गगडानी की अध्यक्षता में एक बैठक एकादश समिति प्रभारियों के साथ दिल्ली में महामंत्री श्रीमती आशाजी माहेश्वरी, भूतपूर्व राष्ट्रीय अध्यक्षा श्रीमती शोभाजी सादानी, उपाध्यक्षा उत्तरांचल श्रीमती कांताजी गगरानी, संयुक्त सचिव उत्तरांचल श्रीमती शर्मिला राठी एवं राष्ट्रीय कार्यालय मंत्री श्रीमती सुषमाजी मूंदड़ा, ठाणे की उपस्थिति में सफलतापूर्वक संपन्न हुई।

सर्वप्रथम अध्यक्षा श्रीमती कल्पनाजी ने सभी समिति प्रभारियों को बताया कि उन्हें क्या अपेक्षाएं हैं सभी समितियों से तत्पश्चात सभी समिति प्रभारियों ने अपनी अपनी समिति का उद्देश्य एवं अपनी समिति की कार्य योजनाएं प्रस्तुत की। काफी विचार विमर्श हुआ। कार्य योजना पूर्ण रूप से तैयार हुई। बहुत ही सारगर्भित बैठक रही।

इस बैठक में समिति प्रभारी उपस्थित रहे : 

१. श्रीमती गिरजा सारड़ा, नेपाल (सुश्रिता समिति)

२. श्रीमती पुष्पा तोषनीवाल, पुणे (सुगंधा समिति)

३. श्रीमती उर्मिला कलंत्री, अहमदाबाद (संचारिका समिति)

४. श्रीमती प्रेमा झंवर, कानपुर ( सुरभि समिति)

५. श्रीमती सोनाली मूंदड़ा, कोलकाता (सुकीर्ति समिति)

६. श्रीमती निशा लड्ढा, कोलकाता (सुरम्या समिति)

७. श्रीमती शोभा भदादा, भीलवाड़ा (सौष्ठ समिति)

८. श्रीमती मंजू मानधना, दिल्ली (सुलेखा समिति)

९. श्रीमती निर्मला बाहेती, इंदौर (संवरना समिति)

१०. श्रीमती कमला मोहता, नागपुर (सुषमा समिति)

” संगठन यात्रा- राष्ट्रीय अध्यक्षा की “

एक बीड़ा उठाया है, संगठन को और अधिक सशक्त बनाने का, हर गांव में संगठन की अलख जगाने का, प्रत्येक माहेश्वरी महिला तक पहुंचने का, उस का सर्वांगीण विकास करने का, उसकी प्रतिभा को प्रसारण का अवसर देने का, उसे आत्म निर्भर बनाने का। इन सबके लिए आवश्यक है “संगठन यात्रा” यही तो हमें समझाएगी कि कहां किस प्रकार के कार्य की आवश्यकता है ?

महाराष्ट्र हमारा अति विकसित प्रदेश है। यहां माहेश्वरी परिवारों की संख्या भी बहुत है। अतः अपनी कार्य योजनाओं को यहां के पदाधिकारियों को समझा कर गांव – गांव तक पहुंचाना पहली प्राथमिकता थी। “जलगांव” की पदाधिकारी बैठक में विस्तारपूर्वक महाराष्ट्र में इन कार्यों की रूपरेखा रखी एवं सभी समितियों के लिए समिति संयोजक नियुक्त किए। दो माह पश्चात् “एरंडोल” में महाराष्ट्र के समस्त जिलाधिकारी एवं समिति संयोजक (स्थानीय) के साथ योजनाओं के निरूपण की कार्यप्रणाली समझाई।

विदर्भ प्रदेश में अनेकों परिवार गरीबी रेखा से नीचे हैं, हमारी बहनें छोटे- छोटे कार्य जैसे- किराना दुकान, पानी पूरी का ठेला, सिलाई आदि से जीविका चला रही हैं। अनेकों को कार्य प्रारंभ हेतु सहयोग चाहिए। विदर्भ प्रदेश अध्यक्ष के अधीन सभी बड़े जिलों से सात बहनों का समूह बनाकर ऐसी बहनों को पता लगाकर सभी को आर्थिक सहायता प्रदान कर स्वावलंबी बनाने की वृहद योजना बनाई गई। नागपुर, सेलू, वर्धा, यवतमाल, पुसद, मालेगांव, अकोला का भ्रमण स्वयं किया। अब प्रदेश अन्य गांवों में जा कर यह कार्य करेगा।

कार्य योजनाओं को असरदार बनाने के लिए सभी समितियों के बीच सुंदर समन्वय आवश्यक है क्योंकि सभी कार्य एक दूसरे पर अवलंबित हैं, इस प्रयोजन से दिल्ली में समिति प्रभारियों के साथ एक दिन गहन चर्चा की गई। सबने अपने विचार रखे एवं एक कार्य प्रणाली का निर्धारण किया। भविष्य के बड़े कार्यक्रमों की भी योजना बनी।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मोदी नगर, अलीगढ़, बुलंदशहर, हापुड़, सहारनपुर, आगरा, गाजियाबाद, मीरापुर, मुज़फ़्फ़रनगर, मेरठ की बहनों के साथ संगठन की जानकारी, भावी योजनाओं एवं कई समितियों के कार्यक्रम जैसे- ग्रामीण विकास, प्रतिभा प्रसार, राष्ट्रीय समस्याएं आदि हुए। सशक्त संगठन कैसे बने एवं बहनों को आत्म निर्भर बनाने हेतु आर्थिक सहयोग प्राप्त करने की दिशा में वहां भी प्रदेश के अंतर्गत 8 महिलाओं का संगठन बना, मदद कार्य प्रारंभ करने की दिशा में प्रयास शुरु किया।

धसई थाना जिले के एक छोटे से गांव की यात्रा विशाल बन गई केवल बारह माहेश्वरी परिवार परंतु कार्य औरों से बारह गुना। हॉस्पिटल में एक्सरे मशीन एवं ईसीजी मशीन का दान। 200 व्यक्तियों का जनरल चेकअप। बीमारियां पता चलने पर मुफ्त इलाज एवं शल्य चिकित्सा ‘सांवरे की बाड़ी’ ५० घरों के छोटे से गांव में दूर कुंए से मोटर लगा एक पानी की टंकी की स्थापना एवं उससे गांव में घर- घर में पाइप लाइन डाल पानी पहुंचाना। गांव की महिलाओं, बच्चों को नए वस्त्र प्रदान करना। धसई में 39;साड़ी बैंक योजना’ के तहत अनेकों साड़ी वितरण। थाना जिला महिला संगठन द्वारा ‘अर्थ हाय’। ” संगठन यात्रा ” में गांव की महिलाओं को शिक्षा का महत्व समझाते हुए बच्चों को स्कूल (दूसरे गांव) में भेजने का आश्वासन एवं महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने हेतु सहायता की जानकारी। पूरे गांव के विकास की जवाबदारी के धसई क्षेत्र ने उठाने का संकल्प लिया।

औरंगाबाद, नाशिक, मुम्बई, खारघर, कल्याण, इंदौर, जयपुर, उज्जैन आदि स्थानों पर संगठन यात्रा द्वारा बहनों को संगठन की जानकारी एवं कार्य योजनाओं के विषय में विस्तार से समझाया।

१९ दिसंबर २०१६ को कार्यभार सँभालने के बाद तीन माह में इतना ही संभव हुआ है, लंबी यात्राएं अभी बाकी है…….

अध्यक्षा : श्रीमती कल्पना गगडानी

मकर सक्रांति के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय अध्यक्षा श्रीमती कल्पना गगडानी का राष्ट्र के नाम एक सन्देश…….

राष्ट्रीय महामंत्री की कलम से….

अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन के एकादश सत्र का शुभारंभ दिनांक 15 -16 अक्टूबर 2016 को हरिद्वार में हुआ। एकादश सत्र वर्ष 2016 से 2019 के पदाधिकारियों का चयन सर्वसम्मति से संपन्न हुआ। जिसमें वर्तमान सत्र की राष्ट्रीय अध्यक्षा श्रीमती कल्पनाजी गगडानी, मुंबई राष्ट्रीय महामंत्री श्रीमती आशाजी माहेश्वरी, कोटा बनी।

दिनांक 17 – 18 दिसंबर 2016 को बृहद कोलकाता प्रादेशिक माहेश्वरी महिला संगठन द्वारा एकादश सत्र के नव निर्वाचित पदाधिकारियों का पद स्थापना, अभिनंदन व स्वागत समारोह साल्ट लेक के स्प्रिंग क्लब के प्रांगण में आयोजित हुआ तथा पदाधिकारियों की प्रथम बैठक संपन्न हुई।

दिनांक 4 जनवरी 2017 को पश्चिमी मध्यप्रदेश के सप्तम सत्र की शपथ विधि राष्ट्रीय महामंत्री आशाजी माहेश्वरी द्वारा बड़े ही सुंदर तरीके से म्यूजिकल शपथ विधि करवाई एवं सभी पदों का अलग-अलग कार्यभार समझाया गया।

दिनांक 12 जनवरी 2017 को दिल्ली में नवीन सत्र की राष्ट्रीय अध्यक्षा कल्पनाजी गगडानी तथा महामंत्री आशाजी माहेश्वरी द्वारा संगठन के लक्ष्य निर्धारित करने के लिए 11 समितियां बनाकर कार्य योजना तैयार की। पहले पदाधिकारियों ने अपनी योजना बताई तथा 11 अलग-अलग समितियों से पूरी जानकारी ली। बैठक बहुत सार्थक रही। इसमें समिति प्रभारी एक तथा उसके साथ पांच या छह संयोजिकायें बनाई गई।

दिनांक 14 – 15 फरवरी 2017 को पूर्वी मध्य प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र शिवपुरी, गुना, नरवर के संगठनों का महामंत्री आशाजी ने भ्रमण किया तथा श्रृंखलाबद्ध संगठन, महासभा एवं महिला सेवा ट्रस्ट की जानकारी दी तथा संगठन के नवीन सत्र की योजना बनाई गई। दिनांक 15 फरवरी को पद स्थापना के साथ- साथ कार्यकर्ता प्रशिक्षण कार्यक्रम भी रखा गया जो बड़ा ही सारगर्भित रहा।

दिनांक 18 फरवरी 2017 को पूर्वी राजस्थान प्रादेशिक माहेश्वरी महिला संगठन का पद स्थापना कोटा में संपन्न हुआ, जिसकी पद स्थापना महामंत्री आशाजी माहेश्वरी ने संपन्न करवाई। पद स्थापना के साथ-साथ एक बच्ची को पढ़ाई के लिए महिला सेवा ट्रस्ट से Rs. 25000 की राशि भी प्रदान करवाई गई।

दिनांक 6 मार्च 2017 को कोटा जिला माहेश्वरी महिला संगठन के पद स्थापना के साथ-साथ राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में कार्यशाला का आयोजन किया गया। एडवोकेट बुलाकर “महिलाओं के संपत्ति में क्या अधिकार हैं” के बारे में जानकारी दी गई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महामंत्री श्रीमती आशाजी माहेश्वरी थी जिन्होंने महिलाओं की दोहरी भूमिका पर प्रकाश डाला। इसमें Nice Fitness प्रोग्राम भी रखा।

आगामी कार्यक्रम अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन की बैठक “संकल्प” दिनांक 8 – 9 अप्रैल 2017 को महाकाल की नगरी उज्जैन में संकल्प के साथ संपन्न होने जा रही है, उसकी रुपरेखा बनाने के लिए दिनांक 10 मार्च 2017 को वहां के स्थानीय पदाधिकारियों के साथ उस स्थल का
अवलोकन किया जहाँ कार्यक्रम संपन्न होने जा रहा है।

धन्यवाद !!
श्रीमती आशा माहेश्वरी, कोटा
राष्ट्रीय महामंत्री

मकर सक्रांति के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय अध्यक्षा श्रीमती कल्पना गगडानी का राष्ट्र के नाम एक सन्देश…….

ब्रज सुदर्शन यात्रा

सामाजिक चेतना के साथ

“सुदर्शन” – ब्रज यात्रा

7 सितम्बर से 15 सितम्बर 2017

7 सितंबर को प्रारम्भ

7 सितंबर को प्रारम्भ – अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन के तत्वाधान में उत्तराँचल द्वारा आयोजित “सुदर्शन” ब्रज यात्रा का शुभारम्भ अखिल भारत की महामंत्राणी श्रीमती आशा जी माहेश्वरी की उपस्थिति में हुआ। हरे कृष्णा आर्चिड में सभी पधारने वाली बहनों का स्वागत ढोल की थाप के साथ किया गया। इस यात्रा की विशेषता यही रही कि यह महज यात्रा न हो कर सामाजिक समस्याओं के निराकरण हेतु विभिन्न कार्यक्रमों का कार्य क्षेत्र भी रहा। प्रथम दिवस अर्थात 7 सितंबर को दोपहर में सुषमा समिति के अंतर्गत यमुना सफाई अभियान यात्रा की सभी बहनों द्वारा किया गया। केसी घाट पर सफाई के पश्चात् यमुना जी की आरती व सुन्दर भजन गाये गये। वृन्दावन निवासी आचार्य श्री विवेक जी भारद्वाज द्वारा 8 सितंबर के कार्यक्रम व नियमों से सभी को अवगत कराया।

8 सितंबर

 8 सितंबर – सर्वप्रथम यमुना जी की पूजा एवं चुनरी मनोरथ अति भव्य व सुन्दर रूप में किया गया। यात्रा के लिए प्रस्थान के समय आचार्य श्री विवेक जी महाराज ने सभी आगंतुकों को यात्रा के नियम बताए। इसके उपरान्त महामंत्राणी आशा जी माहेश्वरी, पूर्व अध्यक्षा सुशीला जी काबरा, कोषाध्यक्ष कौशल्या जी गट्टानी व संगठन मंत्री मंजू जी बांगड़ ने हरी झंडी दिखाकर यात्रा के लिए गाड़ियों को रवाना किया | सर्वप्रथम बलदेव जी, नंदी आनंदी दर्शन, ठाकुर जी की कुलदेवी दर्शन व ब्रह्माण्ड मंदिर दर्शन किये। चिंताहरण महादेव के दर्शन व दोपहर का भोजन, संध्या तक कुछ और दर्शनों के पश्चात मुंबई से पधारे श्री गिरधर जी डागा द्वारा सुन्दर भजन संध्या प्रस्तुत की गयी।

9 सितंबर

9 सितंबर – आचार्य जी श्री विवेक जी महाराज के सानिध्य में आज द्वारकाधीश, विश्राम घाट, जन्मभूमि मधुबन आदि के दर्शन किये। मथुरा माहेश्वरी महिला संगठन द्वारा तालवन में बच्चियों को रुबैला टीका का वितरण व स्वास्थय शिविर लगाया गया। तालवन में ही भोजन ग्रहण किया। अन्य स्थानों के दर्शन कर वापसी होटल में की। आज का मुख्य आकर्षण आगरा माहेश्वरी महिला संगठन द्वारा नुक्कड़ नाटक की प्रस्तुति जिसमें बहनों ने शौचालय की आवश्यकता, बेटी बचाओ, लिंग परीक्षण व परिवार नियोजन जैसी समस्याओं को बहुत प्रभावशाली ढंग से नाटक के रूप में प्रस्तुत किया। आगरा से पधारी डा. साहिबा ने जैविक खाद प्रकल्प को बहुत सरल माध्यम से सभी को बताया। सुलेखा समिति द्वारा तैयार प्रश्नोत्तरी में सभी बहनों ने भाग लिया।

10 सितंबर

10 सितंबर – विभिन्न दर्शनीय स्थलों के दर्शन के पश्चात सायंकाल में हैदराबाद की बहनों द्वारा सुदर्शन ब्रज यात्रा के वर्णन हेतु स्वरचित गीत सुनाया गया। आज का मुख्य आकर्षण कपि भोज व छप्पन भोग दर्शन थे। प्रश्नोत्तरी भी करवायी गयी।

11 सितंबर

11 सितंबर – आज की यात्रा में सभी महिलाओं को चारधाम के दर्शनों का सौभाग्य प्राप्त हुआ। कामवन के बद्रीनाथ में महिलाओं ने वृक्षारोपण किया जिसमें 150 पौधे लगाए | वापसी पर डीग फोर्ट में स्थित हनुमान मंदिर के दर्शन कर यात्रा समाप्त हुई। पूर्वी उत्तर प्रदेश की बहनों द्वारा रुक्मिनी मंगल की सुन्दर प्रस्तुति की गयी।

12 सितंबर

12 सितंबर – रामेश्वर धाम, कामाख्या आदि के दर्शन किये व यात्रा को सार्थक किया।

13 सितंबर

13 सितंबर – बरसाना, नंदगाँव आदि दर्शन किये। मीरापुर की बहनों के द्वारा आशेश्वर आश्रम (नंदगाँव) में स्कूल के बच्चों को पाठ्य सामग्री वितरित की गयी।

14 सितंबर

14 सितम्बर – चीरघाट, शेषशायी आदि के दर्शन किये | शाम को सुचिता समिति के अंतर्गत फूलों की होली का सुन्दर कार्यक्रम हुआ एवं प्रदेश पदाधिकारियों का अभिनन्दन किया गया |

15 सितंबर

15 सितम्बर – सुबह बहुत सारी बहनों द्वारा झारी भरी गयी | तत्पश्चात सामूहिक हवन व गऊदान बहुत ज़ोर शोर से संपन्न हुआ | इसके बाद मंचीय कार्यक्रम का आयोजन हुआ जिसमें अ. भा. मा. महासभा अध्यक्ष श्याम जी सोनी, उत्तरांचल उपाध्यक्ष अशोक जी सोमानी, पूर्व उत्तरांचल उपाध्यक्ष राधाकिशन जी सोमानी, पश्चिम उत्तर प्रदेश अध्यक्ष कमलेन्द्र जी माहेश्वरी, अ. भा. मा. महिला संगठन कोषाध्यक्ष कौशल्या जी गट्टानी, कार्यक्रम स्वागताध्यक्ष मंजू जी सोमानी व उत्तरांचल संरक्षिका रेखा जी माहेश्वरी ने अपनी उपस्थिति देकर कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई | इस यात्रा में पर्यावरण जागरूकता संबंधी विशेष सहयोग के लिए श्री नवल जी डागा व श्रीमती शारदा डागा का रेखा जी माहेश्वरी ने सम्मान किया |
इस यात्रा की परिकल्पना हमारी राष्ट्रीय अध्यक्षा कल्पना जी गगडानी व राष्ट्रीय समिति प्रमुख शोभा जी सादानी ने की | राष्ट्रीय पदाधिकारियों में उपाध्यक्ष सरला जी काबरा (पूर्वांचल), शैला जी कलंत्री (दक्षिणांचल), ममता जी मोदानी (पश्चिमांचल), सह मंत्री फूलकंवर जी मुंधड़ा (पश्चिमांचल) व मंजू जी कोठारी (पूर्वांचल) ने इस यात्रा में भाग लिया | यात्रा में बहनों के स्वास्थय का ध्यान रखते हुए एम्बुलेंस व मूवेबल टॉयलेट की व्यवस्था की गयी व 5-6 बहनों ने समय समय पर accupressure देकर बहनों को राहत पहुंचाई|
इस यात्रा को सफल बनाने का श्रेय उन सभी राष्ट्रीय समिति प्रभारी व संयोजिका, उत्तरांचल प्रदेश अध्यक्ष, सचिव व कार्यसमिति व अन्य बहनों को जाता है जिन्होंने इस कार्यक्रम को सजाने में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से सहयोग दिया है | पूरे देश से आयी हुई 190 बहनें व भाई, जिनके साथ 40 गाड़ियों के काफिले में यह यात्रा संपन्न हुई, उन सभी को साधुवाद |

Drivers

Quiz Prize Distribution

Quiz Prize Distribution

Full Group (190 people)

सानिध्य 2017

अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन का एकादश सत्र

महिला संगठन स्थापना के चौथे दशक की समाप्ति की ओर, सफर का लगभग चालीसवां वर्ष । एक निश्चित पड़ाव, एक ठहराव, भविष्य के लिए बहुत कुछ समेट कर रखने की तीव्र लालसा, मेहनत और अनुभव से एकत्रित संपदा, पीछे मुड़कर देखने का सुखद एहसास । कितना कठिन था वह पहल? घर की चारदीवारी से महिलाओं को बाहर निकालना, अस्तित्व की पहचान दिलवाना, बिना किसी धरातल के संगठन को खड़ा करना, महिलाओं को इकट्ठा करना, सामाजिक चेतना की अलख जगाना, नींव के पत्थर का शिलान्यास कराना– —

बंजर जमीन में बीज बोने का दुस्साहस था वह । साहस को सामर्थ्य मिला, बंजर जमीन को जलधार मिली । पूर्व अध्यक्षों का भगीरथी प्रयास फलदाई बना । अकेले मंजिल की ओर कदम बढ़ाए थे, लोग जुड़ते गए कारवां बनता गया।
अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन संगठित हो श्रृंखलाबद्ध संगठन बन गया । जड़ें मजबूत होती गई । शाखाओं ने तने का विस्तार कर दिया, बीज ने दरख़त का रुप ले लिया । स्थान, जिला, प्रदेश, अंचल की कड़ियों को जोड़ता हुआ संगठन सशक्त बनता चला ।

दरख़त फलदायक हो गया है, तो जरूरी है कि उसके फलों का स्वाद ज्यादा से ज्यादा लोगों की जिव्हा को रसमयी बनाए । दरख़त की छाया में हर थके हारे को सुकून का एहसास हो पाए । छाया को घनेरा और फलों को रसीला बनाने का अथक प्रयास माली का कर्म होता है, धर्म होता है ।

इस पड़ाव पर कुछ नई चुनौतियां भी है, सांस्कृतिक संक्रमण का दौर है, तकनीकी क्रांति का दौर है, अतिशय भौतिकवाद का दौर है, बदलती व्यवस्थाओं का दौर है इसलिए संगठन को और अधिक मजबूत बनाने का दौर है क्योंकि नसीहतें सिखाती हैं कि आंधियों में दरख़त उखड़ जाते हैं । इस दरख़त को तूफान का अंदाज है इसीलिए अपनी जमीन को और अधिक पुख्ता वह बनाएगा ।

हमारी शक्ति, हमारा ध्येय हमारी महिलाएं हैं, अतः उन्हें शिक्षित, संस्कारी, स्वावलंबी, सर्वगुण संपन्न बनाना हमारी पहली प्राथमिकता है । गांव में बसी महिलाओं को मुख्य धारा से जोड़ना, बच्चों को संस्कारी एवं हमारी किशोरियों को बदलते परिवेश में सामंजस्य बैठाते हुए सफलता की राह दिखलाना है । वृद्ध बहनों में जीवन का आनंद और उत्साह भरना है । बहू – बेटियों को अपना जीवन संवारते हुए आने वाली संतति के उत्तम पालन पोषण का दायित्व निर्वाह सिखाना है । स्वास्थ्य की सजगता जगानी है, विवाह संस्था में आई विकृति को दूर करना है, राष्ट्रीय समस्याओं का निराकरण करने में अपनी जिम्मेदारी उठाना है इस महँ संस्कृति का नई पीढ़ी को संज्ञान करना है ।

बहुत कुछ कर गुजरना है, कर दिखलायेंगे क्योंकि मन में विश्वास है, पूर्वजों का सर पर हाथ है और आशीर्वाद है, पदाधिकारियों का हाथ में हाथ है और प्रतिभावान कर्मठ सदस्याओं का साथ है ।
|| जय महेश ||

वर्ष 2013 से 2016

अध्यक्षा 

श्रीमती सुशीलाजी काबरा, इंदौर

महामंत्री 

श्रीमती कल्पनाजी गगडानी, डोंबीवली

अभ्युदय उद्योग मेला एवं प्रथम कार्यकारिणी बैठक- “माइट एक्सपो 2014” द्वारा दशम सत्र का प्रारंभ हुआ। जुलाई माह में सूरत की बैठक में कार्यक्रमों की रूपरेखा बनी। प्रथम विशद कार्यक्रम निर्धारित हुआ, महिला संगठन का स्थाई प्रकल्प “उद्योग मेला”। विगत सत्र में इस स्थाई प्रकल्प का विशद स्वरूप “माइट- एक्सपो” के रूप में नागपुर में मिल चुका था। इस की अपार सफलता के सभी सदस्यों के हौसले बुलंद कर दिए। कार्य समिति एवं पदाधिकारियों ने इस उत्साह भरे कार्य से सत्र का शुभारंभ करना चाहा। दक्षिणांचल के केरल प्रदेश में आगे बढ़ कर चेन्नई शहर में आयोजित करने की इच्छा व्यक्त की। जनवरी माह में हुआ “अभ्युदयम सत्र” के प्रथम कार्यक्रम का महिला संगठन अपनी बहनों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए संकल्पबद्ध है। अब तक अनुभव रहा है कि हमारे मेलों में छोटे छोटे स्टाल बनाने वाली, इससे अपने व्यावसायिक जीवन की शुरुआत करने वाली बहनें आज बड़ी व्यवसायी बन अपने आप को स्थापित कर चुकी हैं। अतः हर प्रदेश से पांच- पांच स्टाल बुलवाए गए थे एवं जरुरत बहनों को स्टॉल निशुल्क दिए गए थे। महिला सेवा ट्रस्ट से भी सहयोग दिया गया। 10 – 11 जनवरी 2014 को चेन्नई में राष्ट्रीय संगठन का प्रथम वृद्ध प्रयास महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने हेतु संपूर्ण गरिमा एवम भव्यता के साथ संपन्न हुआ। इस विशाल मेले का उद्घाटन महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जोधराजजी लड्ढा के कर कमलों से संपन्न हुआ एवं दीप प्रज्वलन राजस्थान के जल संसाधन मंत्री श्रीमती किरणजी माहेश्वरी के द्वारा किया गया, साथ दिया राष्ट्रीय अध्यक्ष युवा संगठन श्री कमल जी भूतड़ा, सूरत ने । दक्षिण भारतीय शैली के तिरुपति मंदिर की याद दिलाता, भगवान वेंकटेश से आशीर्वाद दिलाता, अर्दली के खंभों एवं केवड़े के महकदार कदमों व अम्बोली के फूलों से सजा स्वागत कक्ष अतिथियों को आनंदित कर रहा था ।

विशेष- इसी कार्यक्रम में श्री विवेक करवा द्वारा महिला एवं मनी विषय पर मार्गदर्शन दिया गया। c. bazar.com के सीईओ श्री राजेश जी नाहर द्वारा ऑनलाइन मार्केटिंग की जानकारी दी गई। तथा सलाद मेकिंग डेकोरेशन भी दर्शाया गया। श्रीमती माधुरी सुधा अमरावती द्वारा विभिन्न प्रकार की रंगोली का प्रशिक्षण दिया गया। artibulate एबिलिटी आर्टिस्ट द्वारा शास्त्रीय नृत्य का सुंदर कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। दिव्यांगों के नृत्य कला से सभी अचंभित थे। अखिल भारतीय माहेश्वरी महिला संगठन द्वारा वन बंधु परिषद को आदिवासी बच्चों के शिक्षा के लिए एक लाख रुपए की राशि का सहयोग प्रदान किया गया। विवाह संबंधी सहयोग समिति द्वारा सभी प्रदेश अध्यक्षों को 100-100 बायोडाटा की फाइल प्रदान की। अखिल भारत वर्षीय महिला सेवा ट्रस्ट एवं महिला संगठन की बैठक आयोजित की गई थी। 300 बहनों की उपस्थिति रही थी। बैठक में राष्ट्रीय महासभा एवं महिला संगठन द्वारा संचालित ट्रस्ट की पूर्ण जानकारी दी गयी।

अनुष्ठानम कार्यकर्ता प्रशिक्षण – अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन के दशम सत्र की द्वितीय कार्यसमिति बैठक एवं कर्नाटक का प्रादेशिक सम्मलेन का सफल आयोजन 26 या 27 अप्रैल 2014 को बेंगलुरु में संपन्न हुआ। जिसके उद्घाटनकर्ता राष्ट्रीय अध्यक्षा श्रीमती सुशीलाजी काबरा एवं मुख्य अतिथि श्रीमती स्नेहल जी मंत्री एवं कल्पनाजी गगडानी थी। सुशीला जी काबरा ने दशम सत्र की योजना दस समितियों के माध्यम से रखी एवं कल्पना जी ने प्रादेशिक सम्मलेन की उपयोगिता दर्शायी तथा श्रीमती स्नेहल जी मंत्री ने शिक्षा एवं लड़कियों के भ्रूण हत्या पर विचार व्यक्त किए।

सम्मान- बेंगलुरु माहेश्वरी महिला संगठन द्वारा पूर्व प्रदेश अध्यक्षा श्रीमती प्रकाशजी मूंदड़ा को जीवन गौरव उपाधि से सम्मानित किया।

कार्यकर्ता प्रशिक्षण- श्रीमती गीताजी मूंदड़ा ने पावर पॉइंट के माध्यम से कार्यकर्ताओं के गुण, कार्यक्रमों की योजना, प्रोटोकॉल, समन्वय आदि गुणों की जानकारी दी एवं श्रीमती शोभाजी सादानी ने MMU ब्रांड की जानकारी दी। टॉक शो – महामंत्री कल्पनाजी गगडानी द्वारा कर्नाटक प्रदेश की १५० बहनों का टॉक शो अंतरजातीय विवाह, गांवों के लड़कों के विवाह कठिन, दिखावा, विवाह विच्छेद, टूटते परिवार, संगठनों के कार्यक्रमों में कम उपस्थिति आदि विषयों पर लिया गया। सभी बहनों में काफी उत्साह था।

क्विज कांटेस्ट – भूतपूर्व रा. अध्यक्षा श्रीमती लताजी लाहोटी एवं उपाध्यक्षा श्रीमती शैलाजी कलंत्री द्वारा प्रश्न मंच संचालित किया गया एवं बहनों की जानकारी बढ़ाई।

सांस्कृतिक कार्यक्रम – राष्ट्रीय संस्था के घोष वाक्य ” श्रेष्ठ जीवन का आधार – शिक्षा, सुरक्षा व संस्कार ” पर नाटक मंचन किया गया। अहमदाबाद में किशोरी विकास शिविर लेने की घोषणा की गई एवं शिर्डी में आध्यात्मिक शिविर लेना तय किया गया। बहनों को प्रशिक्षण व मार्गदर्शन मिला, उनका अनुष्ठानम सम्पूर्ण हुआ तथा सार्थक हुआ।

तरुण तरंग- ट्रेनड द ट्रेनर्स- किसी भी संस्था की जान होते हैं उसके कार्यकर्ता, जितने सक्षम कार्य करता उतना ही उन्नत संगठन। इसीलिए हर सत्र में संगठन की प्रथा रही है कि वह अपने नए जुड़े कार्यकारिणी, कार्यसमिति सदस्य को प्रशिक्षित करता रहे। श्रृंखलाबद्ध संगठन होने के नाते एवं संगठन के कार्यों का विस्तार होने के कारण प्रदेश एवं जिला स्तर पर भी कार्यक्रम के विशाल स्वरुप को देखते हुए इन स्तर पर भी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करने की आवश्यकता महसूस होने लगी है। चंद राष्ट्रीय पदाधिकारियों को समय नहीं कि वह हर प्रदेश, हर जिले में जाकर प्रशिक्षण कार्य कर सके। जवाबदारियों का विभाजन इस क्षेत्र में करना जरूरी हो गया था। प्रशिक्षण सही एवं सुचारु रुप से करने के लिए आवश्यकता थी प्रशिक्षकों की। प्रशिक्षकों को प्रशिक्षित किये बिना प्रशिक्षण प्रभावी नहीं हो सकता था। तरुण तरंग का आयोजन अमरावती नगरी में रखा गया जहाँ हर प्रदेश से अध्यक्ष, सचिव के अलावा दो ऐसे अन्य ऐसे सदस्य जो प्रशिक्षण देने में रुचि रखते हो, समय समर्पित कर सकते हो एवं योग्य प्रशिक्षक बन सकते हो, का चयन किया गया। द्वि – दिवसीय इस प्रशिक्षक प्रशिक्षण शिविर में प्रशिक्षकों द्वारा अनेकों विषयों को कैसे समझाना है यह बताया गया। लिखित रुप से यह जानकारी प्रदान की गई। इसका प्रयोग करके दिखाने का अवसर भी दिया गया। इस प्रकार अखिल भारतीय, प्रादेशिक एवं जिला तथा स्थानीय स्तर पर प्रशिक्षण का नेटवर्क लाने का सफल प्रयास तरुण तरंग के माध्यम से किया गया। किशोर किशोरी विकास समिति संयोजिका श्रीमती आशा लड्ढा ने परिश्रम पूर्वक यह आयोजन किया। तरुण तरंग के फैकल्टी श्री राजेशजी चांडक, श्रीमती सोनल चांडक एवं श्री अनिलजी राठी ने पांच points पर मार्गदर्शन देकर प्रशिक्षण दिया।

१. ट्रेनिंग के पहले की तैयारी

२. वाणी व आवाज का प्रभाव

३. आंखों का संपर्क

४. भाषण के विभिन्न भाग

५. वक्ता के हाव – भाव व शारीरिक प्रदर्शन का प्रभाव

आदि बातों पर ध्यान रखते हुए प्रशिक्षण दें। १२ प्रदेशों से ३७ बहनों ने प्रशिक्षण लिया यही उसकी उपलब्धि रही।

आचमनम – “सेवा, संतोष, सदाचार” – ११- १२- १३ सितंबर 2014 को साईं बाबा की नगरी शिर्डी में आध्यात्मिक एवं स्वास्थ्य समिति के अंतर्गत एक अनूठा आध्यात्मिक एवं स्वास्थ्य से जुड़े कार्यक्रम की योजना था “आचमनम” । दक्षिणांचल के महाराष्ट्र प्रदेश ने धार्मिक नगरी शिर्डी में इसे आयोजित करने का बीड़ा उठाया। उत्साह जोर पकड़ने लगा शिविर के साथ होने वाली कार्यसमिति बैठक कार्यकारिणी में परिणीत हो गई। साथ में जुड़ गया दक्षिणांचल सम्मेलन और जब इतना बड़ा आयोजन हो ही रहा है तो महिला सेवा ट्रस्ट, माहेश्वरी महिला की बैठक भी आयोजित हो गई। कार्यक्रम की रुपरेखा प्रतियोगिताओं के रूप में रखी गई। भागवत से जुड़ी कृष्ण लीला डायरी, सेवा, संतोष, सदाचार को दर्शाती पोस्टर प्रतियोगिता, सामाजिक एवम पारिवारिक समस्याओं को समझाती भाषण प्रतियोगिता एवं सबसे आगे स्वास्थ्य का महत्व समझाते हेल्दी लेडी स्वस्थ, व्यस्त एवं मस्त कल्पना की गई। सभी प्रदेश का उत्साह दिन दूना रात चौगुना बढ़ने लगा। तैयारियां जोरदार शुरू हुई एवं प्रस्तुतियां बेमिसाल बन गई। आंचलिक सम्मेलन में पानी में भजन प्रतियोगिता को देख सभी अचंभित रह गए। वाटर पार्क में भीगती बहने और वेव पूल पर भजन गाती भक्तों की टोली धार्मिक प्रथा पर अभिनय करती बहने, नृत्य प्रस्तुति मनमोहक रही। शिर्डी के साई मंदिर का दर्शन एवं पूरे भारतवर्ष आई बहनों को जब महाराष्ट्र प्रदेश के लोकधारा के रूप पर महाराष्ट्र के पहचान कराई, नृत्य नाटिका के रूप में, तो न केवल सदन भाव विभोर हुआ किन्तु अचंभित हुआ। गोविद गिरी जी का आशीर्वचन एवं सफेद साड़ी पर रुद्राक्ष माला, भगवा दुपट्टा ओढ़े बैठी बहनों ने आरम्भ से भक्तिमय वातावरण बनाया। सभा भवन को पारंपरिक मांडनों से, रंगोली, चौकी, समाई व जवारों से सजाया गया था। हॉल में प्रवेश करते ही “गोविंद बोलो, हरि गोपाल बोलो” की धुन का संकीर्तन करते हुए स्वागत भगवा दुपट्टा ओढ़ाकर, चन्दन तिलक लगाकर, तुलसीदल व चरणामृत पिला कर रुद्राक्ष की माला पहनाकर षटकोण देते हुए वातावरण को पूर्ण अध्यात्म बना दिया गया था। प्रदेश अध्यक्ष श्रीमती पुष्पा तोषनीवाल द्वारा शाब्दिक स्वागत किया गया एवं रा. अध्यक्षा श्रीमती सुशीलाजी काबरा ने कहा कि अपने कर्तव्यों का पालन अनुशासन से करें यही मानव जीवन का धर्म है।

ओजसम- किशोरी विकास शिविर- माहेश्वरी समाज को यदि और उन्नत एवं संस्कारी बनाना है तो उसकी युवा पीढ़ी को सामाजिक मूल्यों से अवगत, जागरुक एवं विश्वसनीय बनाना होगा यह आग्रह सदैव से महिला संगठन का रहा है। इसी श्रृंखला में किशोरी विकास शिविर द्वारा पूरे देश की युवा शक्ति को जोड़ा जाए, उन्हें आपस में मिलाया जाए। संस्कार एवं संस्कृति का आदान प्रदान किया जाए इस आवश्यकता का अंजाम था और “ओजसम-२०१४” इसे आयोजित करने का बीड़ा उठाया श्रीमती उर्मिला कलंत्री, गुजरात प्रदेश अध्यक्षा ने तथा अहमदाबाद शहर के सुंदर परिसर में युवतियों की कला, बिखर गई। हर युवती का उत्साह, उसके प्रदेश को जिताने का भाव, सुंदर प्रदर्शन की चाह ने खूब रंग जमाया। १९-२०- २१ दिसंबर 2014 को अहमदाबाद में किशोरी विकास शिविर ” ओजसम -२०१४ ” का शुभारंभ श्री माधव प्रपन्नाचार्य जी के आशीर्वचन से हुआ जिसमें उन्होंने युवा पीढ़ी को तंत्र के साथ पारिवारिक व सामाजिक जीवन में सद्भाव बनाए रखने का आशीर्वचन दिया। राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती सुशीला जी काबरा ने कार्यक्रम के प्रयोजन भाव को सदन के समक्ष प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का उद्घाटन राजस्थान की कैबिनेट मिनिस्टर श्रीमती किरण जी माहेश्वरी एवं अहमदाबाद की मेयर श्रीमती मीनाक्षी ने दीप प्रज्वलन कर किया। श्री राम गोपाल जी मूंदड़ा, श्री रामनिवास जी मानधनी एवम श्री कमल जी भूतड़ा, सूरत ने भी किशोरियों को संबोधित कर जीवन में सामंजस्य बनाए रखनी है बनाए रखने हेतु प्रेरित किया। किशोरियों की प्रतिभा, क्षमता एवं कला को प्रोत्साहित करने व सँवारने हेतु विभिन्न प्रतियोगिताएं व कार्यक्रम किए गए। ओजसी – सुंदर व्यक्तित्व कैसा होना चाहिए व कैसे निखारे इस हेतू प्रतियोगिता में रिटर्न टेस्ट, स्टेज प्रेजेंटेशन परिचय, निर्णायक प्रश्न, टास्क राउंड के माध्यम से उनकी प्रतिभा को परखा गया एवं सदन का मनोरंजन भी किया।

ओजस्विनी- “वस्त्र, विचार, संग सदाचार” आंचलिक स्तर की प्रतियोगिता में फैशन शो के माध्यम से किशोरियों को वेडिग वेअर ,पार्टी वियर एवं फॉर्मल वस्त्रों की जानकारी दी गई। रूझाते रंग – चिंतन संग – घोषवाक्य पर सुंदर पेंटिग बनाई एवं अपने कलात्मकता दर्शाई। बोलती बरी और शरबती शगुन – में किशोरियों द्वारा साड़ी एवं सिक्का पैकिग में समाज की
कलात्मकता की मिसाल देखी जा रही थी। अनुपयोगी वस्तुओं में उपयोगी कलाकृतियां एवं रचनात्मकता की कारीगरी देख आँखे दंग रह गयी।

खुशबू गुजरात की – इस कार्यक्रम के माध्यम से गुजरात की लोक संस्कृति से सबको अभिभूत किया।

जुम्बा – तेज रफ्तार एवं मस्ती के साथ जोश भरा डेमोंस्ट्रेशन युवतियों में जोश भर गया।

योगा – रबर की गुड़िया कुमारी श्रद्धा मूंदड़ा द्वारा योगा का डेमो दिया गया एवं उसे इस क्षेत्र में आगे बढ़ने हेतू राष्ट्रीय संगठन से करीब २.५० लाख रुपयों की राशि प्रदान की एवं कॉस्ट्यूम्स प्रदान किये।

नए ढंग बाजार संग – प्रतियोगियों ने 2 मिनट में अपने प्रोडक्ट का विज्ञापन मंच पर दिखाया एवं जुट गए प्रोडक्ट बेचने में किसी ने तो 2 घंटे में पूरा माल बेच दिया यही था मार्केटिंग का कमाल जो व्यवसाय जीवन में लगने वाली उर्जा को बढ़ा रहा था।

बुद्धि विस्तार- तेज रफ्तार- बौद्धिक विकास की इस प्रक्रिया को ट्रेजर हंट के माध्यम से पेश किया गया जिस की संकल्पना थी श्रीमती पूनम गगडानी, श्रीमती कोमल कलंत्री एवं श्रीमती नीतू गोगाई की।

नाटक नौटंकी बातें दो टूक- नुक्कड़ नाटक के ढंग से युवा सामाजिक समस्याओं की बेजोड़ प्रस्तुति इस कार्यक्रम में हुई। “मार डाला ब्रांड के भूत ने” प्रथम स्थान पाया। “Facebook बाबा”, “सेलफोन डेंजर जोन”, “लव अफेयर- डेयर, केयर, रेयर लड़कियों में”, “मां- बाप बिगड़ते बच्चे” आधी विषयों की प्रस्तुति पर सदन वाह- वाह व वन्स मोर करता रहा। और उनके दायित्व भी समझा गया।

भ्रमित एवं भटकी हुई युवा पीढ़ी विषय पर वाद विवाद प्रतियोगिता – इसमें युवा पीढ़ी ने स्वयं स्थितियां स्पष्ट की बात एक मुद्दे की माध्यम से।

लहर- लहर लहराए रे गरबा नृत्य प्रतियोगिता- की छटा चांदनी बिखेर रही थी एवं प्रतियोगी सुंदर वेशभूषा में लहरा लहरा कर गरबा कर रहे थे। युवा एवं महिला सभी को रास आयी यह रास लीला।

चॉकलेट बुके, कुकिग एवं मांडना का डेमोंस्ट्रेशन क्रमशः प्रेरणा झंवर, अनीता मंत्री एवं राखी बजाज द्वारा दिया गया। “प्रभावी व्यक्तित्व कैसे बनाएं एवं बैलेंस इन लाइफ” विषय पर श्रीमती मयूरा अमर कांता एवं श्रीमती कल्पना गगडानी द्वारा मार्गदर्शन दिया गया। समापन समारोह एवं पुरस्कार वितरण के साथ संपन्न इस कार्यक्रम की सफलता का सार यही है कि आने वाली हर किशोरी यही कह रही थी, ऐसे आयोजन प्रदेश में प्रति वर्ष होने चाहिए। किशोरियों ने जो ओजस दर्शाया उससे आज अति अप्रतिम रूप से निखर कर आया।

पंचम कार्यसमिति बैठक एवं पश्चिमाञ्चल अधिवेशन -“अनुभूति- २०१६ ” दिनांक २५ व २६ मई २०१६, पुष्कर राजस्थान- सांस्कृतिक, ऐतिहासिक व पवित्र तीर्थराज पुष्कर में राष्ट्रीय
संगठन की पंचम कार्यसमिति बैठक एवं पश्चिमाञ्चल अधिवेशन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। मुख्य अतिथि प्रसिद्ध उद्योगपती व समाज सेवी श्री रामपाल जी सोनी, श्री गोपालजी राठी, राष्ट्रीय महामंत्री श्री राम कुमारजी भूतड़ा के कर कमलों द्वारा अधिवेशन का शुभारंभ किया गया। महिला अधिकार एवं सुरक्षा समिति के तहत प्रकाशित पुस्तकें एवं नेपाल प्रदेश द्वारा प्रकाशित “जीवन- संस्कार” पत्रिका का विमोचन किया गया। कार्य समिति बैठक में तय किया गया कि 15 सितंबर 2016 तक सभी प्रादेशिक महिला संगठनों के चुनाव करवा लिए जाए एवं 30 जुलाई तक सभी जिलों के चुनाव संपन्न करवा लिए जाए। प्रदेशों के चुनाव हेतु राष्ट्रीय संस्था की ओर पर्यवेक्षकों के नाम तय किए गए। इसी बैठक में सभी प्रदेशों की रिपोर्टिंग फाइल प्रतियोगिता भी आयोजित की गई थी। जिसके परिणाम निम्नानुसार रहे –

प्रथम श्रेणी में- १. महाराष्ट्र २. कोलकाता ३. गुजरात ४. मध्यप्रदेश एवं ५. विदर्भ
द्वितीय श्रेणी में – १. आंध्र प्रदेश एवं २. नेपाल
प्रोत्साहन पुरस्कार – १. पूर्वी मध्य प्रदेश एवं २. दक्षिणी राजस्थान

26 मई को भूतपूर्व अध्यक्ष श्रीमती गीता जी मूंदड़ा, श्रीमती शोभाजी सादानी एवं राष्ट्रीय अध्यक्षा श्रीमती सुशीलाजी काबरा द्वारा समस्त पश्चिमाञ्चल का कार्यकर्ता प्रशिक्षण एवं चुनाव संबंधी जानकारी दी गई।

पश्चिमांचल अधिवेशन के अंतर्गत लोरी गीत प्रतियोगिता एवं त्योहारों पर नृत्य प्रतियोगिता भी आयोजित की गई थी। पश्चिमांचल की ओर से राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं महामंत्री दोनों का अभिनंदन व सम्मान किया गया। सामूहिक रुप से पुष्कर सरोवर में रुद्राभिषेक भी किया गया एवं प्रेरणा गीत के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ।

आव्हानाम चतुर्थ राष्ट्रीय कार्यकारी मंडल बैठक एवं पूर्वांचल सम्मलेन – पूर्वा किरण –
१२ -१३ सितम्बर, २०१५ गौहाटी – अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन की चतुर्थ कार्यकारी मंडल की बैठक एवं पूर्वांचल सम्मलेन पूर्व-किरण 12 – 13 सितम्बर 2015 को गौहाटी में पूर्वोत्तर आसाम में सम्पूर्ण भारत से पधारी ३०० बहनों की उपस्थिति में संपन्न हुआ। मुख्य अतिथि राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जोधराजजी लड्ढा, श्री सीतारामजी बिहानी, श्री रामरतनजी लाहोटी राष्ट्रीय संयुक्त सचिव महासभा पूर्वांचल एवं श्री कैलाशजी काबरा गौहाटी के सानिध्य में शुभारम्भ समारोह संपन्न हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रीय अध्यक्षा श्रीमती सुशीलाजी काबरा द्वारा दी गयी। पूर्वांचल की उपाध्यक्ष श्रीमती सरला काबरा एवं सह सचिव श्रीमती जमुनाजी हेड़ा के मार्गदर्शन में प्रदेश अध्यक्षा श्रीमती शकुंतला मिमानी एवं सचिव सुमित्रा काबरा के प्रयासों से सभी कार्यक्रम सुव्यवस्थित एवं सफलतापूर्वक संपन्न हुए।

पूर्वांचल सम्मलेन के साथ ही राष्ट्रीय स्तर पर एक काव्य लेखन एवं वाचन प्रतियोगिता ” ग्राम विकास से ही राष्ट्र का विकास है ” विषय पर आयोजित की गई थी, जिसमें बहनों ने बड़े उत्साह से सहभागिता दर्शाई एवं अपनी साहित्य की रूचि जताई। पूर्वांचल के सभी राज्य आसाम, बिहार, उड़ीसा, कोलकाता, नेपाल एवं पश्चिमी बंगाल सभी प्रदेशों की काफी बहनों ने अपनी विशेष उपस्थिति दर्शाई।

विभिन्न प्रतियोगिताओँ – बैनर प्रेजेंटेशन, लोक नृत्य, नाटक, गायन, भाषण, प्रश्नोत्तरी, अंताक्षरी आदि कार्यक्रमों के माध्यम से बहनों की कल्पनाशक्ति, रचनात्मकता, क्रियाशीलता एवं बुद्धिमता से सभी प्रभावित हुए। बैनर प्रेजेंटेशन के माध्यम से, पोस्टर के द्वारा एवं भाषण, नाटक आदि से समाज को सन्देश देने का प्रयास किया। इन्हीं सब कार्यक्रमों की स्मृतियों को संजोये रखने के लिए एक स्मारिका ” पूर्वा – किरण ” का भी प्रकाशन किया गया।

राष्ट्रीय महिला संगठन की बैठक में महाधिवेशन सृजन – सेतु के कार्यक्रमों की रुपरेखा तय की गई एवं पदाधिकारियों को दायित्व सौंपा गया। अखिल भारतीय महिला सेवा ट्रस्ट की एवं MMU ब्रांड उद्योग समिति की भी बैठक संपन्न हुई। सभी प्रदेशों के अध्यक्षाओं द्वारा अपने अपने प्रदेश की गतिविधियों की जानकारी दी गयी। समाज के ज्वलंत समस्याओं पर राष्ट्रीय पदाधिकारियों से सवाल जवाब को माध्यम से आपकी अदालत की तरह कार्यक्रम भी संपन्न हुआ। भारत के कोने – कोने से पधारी बहनों ने बैठक के साथ भ्रमण का भी आनंद लिया।

अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन महा अधिवेशन ” सृजन सेतू “, इंदौर ९-१०-११ जनवरी २०१६ – राष्ट्रीय अध्यक्षा श्रीमती सुशीलजी काबरा का खुली आँखों से देखा स्वप्न एवं साकार करने के लिए प्रतिबद्ध दृढ़ निश्चयी पूर्व अध्यक्षा श्रीमती गीताजी मूंदड़ा ने कार्यक्रम निर्देशन के रूप में दायित्व संभाला। शुभ संकल्प हरदम फलित होते हैं। इंदौर जिला माहेश्वरी महिला संगठन की अध्यक्ष श्रीमती वीणा सोमानी व सचिव श्रीमती प्रतिमा भूतड़ा ने आतिथ्य को सहर्ष स्वीकार किया एवं सुनियोजित श्रृंखलाबद्ध कार्य आवंटन प्रणाली ने इसे सफल कर दिखाया। ६०००० स्क्वायर फ़ीट का पंडाल सजाकर विशाल ओमनी ग्रैंड बाट जोह रहा था। भारतवर्ष के विभिन्न प्रदेशों से आने वाली ३००० प्रगतिशील, चिं तनशी ल , समाज उत्थान के लिए प्रतिबद्ध महिलाओं की व देश के गणमान्य, शीर्ष व माहेश्वरी समाज के गौरवपूर्ण अतिथियों की। स्थापना १९७६ में महासभा अध्यक्ष स्व. रामगोपालजी माहेश्वरी ने अपनी दूर दर्शिता से मापा कि समाज उत्थान महिला जागरूकता एवं उत्त्थान के बिना संभव नहीं। इस संगठन की नींव नागपुर अधिवेशन में रखी। सभी पूर्व अध्यक्षाओं ने अपने समर्पण व चिंतन से इसे उत्तरोत्तर प्रगति के पथ पर अग्रसर किया जिसका नतीजा यह भव्य रूप है।

नौ सत्रों में क्रमशः ग्वालियर ( १९८२), अकोला (१९८१ पुनः २००५), उदयपुर (२००८) व कोलकाता (२०१३) में अधिवेशन का रूप निरंतर वृहद होता गया। आज उसी की अगली कड़ी है सुशीलाजी व गीताजी द्वारा आयोजित प्रोफेशनल सेमिनार। विभिन्न क्षेत्रों में ऊंचाइयों को छू रही महत्वाकांक्षों, विदुषी, उच्च शिक्षित व विभिन्न प्रतिमाओं की धनी नारी को समाज से जोड़े रखने का अभिनय प्रयास, प्राचीन व अर्वाचीन का समन्वय, एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को बागडोर सौंपने का संकेत, गृहिणी व कामकाजी महिलाओं का समन्वय एवं उनके विशिष्ट गुणों से समाज को लाभान्वित करने की प्रक्रिया का शुभारम्भ है – ” सृजन सेतू “।

६०००० स्क्वायर फ़ीट के वृहद पंडाल में स्वनामघन्य समाज की विभूतियों से सजा मंच है तो सामने देश के कोने कोने से आई बहनें। पंडाल की बाई ओर अस्थायी पंजीयन व पूछताछ कार्यालय पर बहनें नवागतों के स्वागत एवं चर्चा में व्यस्त है तो कई स्टाल्स सामाजिक पत्र – पत्रिकाओं के प्रकाशकों को आवंटित किए गए। इन्हीं के सामने महिला चैरिटेबल ट्रस्ट, इंदौर द्वारा मेडिकेयर हॉस्पिटल के सौजन्य से ब्लड डोनेशन कैंप व बोन डेन्सिटी परीक्षण शिविर लगाकर सेवा कार्य किया गया। समीप ही करीब ८० स्टाल्स सज-धज कर तैयार थे, जिनमें से अधिकांश का संचालन महिला उद्यमी बहनों द्वारा किया जा रहा था। बीच में दुल्हन की तरह सजी पांच कारें सबके आकर्षण का केंद्र बनी। पांचों अंचलों ने अलग – अलग विषयों की अभिव्यक्ति, कलात्मक एवं संदेशात्मक रूप से इन कारों को माध्यम बनाकर कल्पना को आकर दिया। सामने की दिवार स्लोगन, पोस्टर एवं कोलाज तथा प्रादेशिक गतिविधियों का दिग्दर्शन करा रही थी। वहीँ एक ओर राष्ट्रीय कार्यक्रमों के फ्लेक्स, महाअधिवेशन के पूर्व तैयारियों का दर्शन कराते दिखाई दिए। विशाल सभागृह में करण सुख एवं नयनसुख था तो ओमनी रेसिडेंसी में बना भोजन पंडाल क्षुधा – शांति का पर्याय बना जिस की प्रशंसा हर जुबान पर थी। इसी के साथ प्रथम बार प्रोफेशनल सेमिनार समाज के प्रबुद्ध डॉक्टर, सीए, सीएस महिला उद्यमी एवं फैशन डिजाइनर बहनों के सम्मेलन का साधन बना। वे सभी खुश थी कि संगठन ने उनको महत्व देकर एक दूजे के लिए चिंतन करने की प्रेरणा दी। इस कार्यक्रम में अखिल भारतीय माहेश्वरी महिला सेवा ट्रस्ट की भूमिका महत्वपूर्ण रही। मुख्य संयोजक का दायित्य श्रीमती ललिता मालपानी व श्रीमती कमल राठी ने संभाला। सह संयोजिका बनी श्रीमती शोभा माहेश्वरी, दमयंती मनियार, सुमन सारड़ा। स्मारिका संपादन का कार्य श्रीमती विनीता जाजू एवं श्रीमती पुष्पा बाहेती को सौंपा गया। अनेक समितियां बनाई गई। अखिल भारतीय माहेश्वरी महिला संगठन द्वारा आयोजित महिला महा अधिवेशन का शंखनाद पूर्ण भारत के कोने कोने से पधारी 3000 बहनों की उपस्थिति में गुंजायमान हुआ। समाज शिरोमणि पद्म भूषण श्रीमती राजश्रीजी बिड़ला, आरबीआई के डिप्टी गवर्नर श्री सुभाषजी मूंदड़ा एवं संगम ग्रुप ऑफ़ इंडस्ट्रीज के श्री रामपाल जी सोनी तथा महापौर श्रीमती मालिनीजी गौड़ एवं समस्त अतिथियों को रजवाड़ी मल्हारी बाजों की सुमधुर धुन के साथ विभिन्न प्रान्तों की वेशभूषा में सजी बहनों द्वारा पुष्प वर्षा कर एवम भव्य स्वागत करते हुए मंच तक लाया गया। सर्वप्रथम श्रीमती सुहासिनी माहेश्वरी ने महेश वंदना के साथ मनोहारी नृत्य प्रस्तुत किया। उदघाटिका श्रीमती राजश्रीजी बिरला, श्री सुभाष जी मूंदड़ा, श्री रामपाल जी सोनी, राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती सुशीला जी काबरा, राष्ट्रीय महामंत्री श्री राम कुमार भूतड़ा, महापौर श्रीमती मालिनीजी गौड़, युवा संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमल जी भूतड़ा, राष्ट्रीय महामंत्री कल्पनाजी गगडानी एवं कार्यक्रम निर्देशिका श्रीमती गीता जी मूंदड़ा तथा उपस्थित समस्त अतिथियों एवं पदाधिकारियों द्वारा दीप प्रज्वलन एवं भगवान महेश को माल्यार्पण कर कार्यक्रम शुभारंभ की घोषणा की गई एवं अतिथियों को मंचासीन कराया गया। संरक्षक श्रीमती रत्नी देवी जी काबरा, निवर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती शोभाजी सादानी, माहेश्वरी बोर्ड के चेयरमैन श्री रामवतरजी जाजू, संगठन मंत्री श्रीमती राजजी झंवर तथा कोषाध्यक्ष श्रीमती आशा जी लड्ढा भी मंच पर शोभायमान थे।

जिला अध्यक्ष श्रीमती वीणा सोमानी एवं स्वागत अध्यक्ष श्रीमती पुष्पा जाजू द्वारा स्वागत उदबोधन। विवाह परिचय पुस्तिका १५०० बायोडाटा के संकलन का विमोचन श्रीमती शर्मिष्ठा राठी द्वारा कराया गया।

फैशन शो: जिसने देखा , उसने सराहा – राष्ट्रीय मंच पर पहली बार फैशन शो का आयोजन किया गया यह माहेश्वरियों द्वारा माहेश्वरियों के लिए किया गया। प्रख्यात फैशन डिज़ाइनर निवेदिता साबू की उपस्थिति विशेष आकर्षक रही।

भव्य शोभा यात्रा : दिखी सशक्तिकरण की आभा – महाधिवेशन का मुख्य आकर्षण एवं मूल सन्देश प्रधान प्रकल्प रही भव्य शोभा यात्रा जो दे रही वह सन्देश जो महिला संगठन का प्रमुख उद्देश्य है ” महिला सशक्तिकरण एवं उस शक्ति का सदुपयोग “। शोभा यात्रा का शुभारम्भ उमा महेश एवम गणेश की रथ सवारी से आशीर्वाद देते हुआ। इनके पीछे बग्गी में देवी अहिल्या शक्ति स्वरूपा विराजित थी। तीन किलोमीटर लंबी इस शोभा यात्रा में पैदल चलती महिलाओं का उत्साह देखते बनता था।

प्रोफेशनल सेमिनार – अपना काम सुचारू रूप से करना ही प्रोफेशनलिज्म – अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला महाधिवेशन के अन्तर्गत आयोजित प्रोफेशनल समिट में डॉक्टर्स, सी ए, फैशन डिज़ाइनर एवं महिला उद्यमियों ने जोर शोर से भाग लिया। इन तीन दिनों में व्यावसायिक महिलाओं ने आपसी विचार साँझा किये। सृजन के नए आयाम खुलेंगे इसी विश्वास के साथ सभी ने विदा ली।

घर एक मंदिर : जहाँ शांति मिले वही घर – घर एक मंदिर का सुंदर संचालन प्रभारी श्रीमती ज्योति राठी ने किया। हर अंचल से २० कलाकारों ने भाग लेते हुए प्रत्येक घर एक मंदिर
में ” सफरनामा जिन्दगी का ” में सभी अवस्था में कलाकारों ने नृत्य, संवाद से रोचक प्रस्तुति दी। बाल्यावस्था से लेकर वृद्धावस्था में जिन्दगी की ये हकीकत, समय पर बना लो अपनी वसीयत। परिवार में स्नेह और प्यार यही तो है जिन्दगी का सार से अति सुंदर सन्देश दिया। ब्रेन हंट : महिलाओं के बौद्धिक स्तर को उठाने का प्रयास – इस अधिवेशन में बहनों की उत्सुकता एवं जिज्ञासा का बहुत बड़ी स्त्रोत बनी ” ब्रेन हंट ” प्रतियोगिता। १३५ बहनों ने इस प्रतियोगिता में भाग लिया। यह प्रतियोगिता तीन चरण में राखी गई। पहला चरण लिखित प्रश्नोत्तरी , द्वितीय चरण ट्रेज़र हंट एवं तृतीय चरण मंच पर पाँच ग्रुप बना कर खिलाया गया।

इसके आलावा और भी प्रतियोगिताएं आयोजित की गयी थी – नृत्य प्रतियोगिता, देश भक्ति गीत प्रतियोगिता, वाद विवाद प्रतियोगिता, सृजनात्मक प्रतियोगिताएं, कार डेकोरेशन प्रतियोगिता, पोस्टर प्रतियोगिता, स्लोगन प्रतियोगिता, कोलाज प्रतियोगिता आदि।

महाधिवेशन एक अनुष्ठान, एक कर्मयज्ञ साबित हुआ, जिसमें बहनों ने अपनी अपनी बुद्धि क्षमता, प्रतिभा व योग्यता की आहुतियां अर्पित की जिससे समाजोपयोगी संजीवनी प्राप्त की, जिसकी किरणें समग्र भारत में आगत बहनों के माध्यम से प्रस्तुरित हुई और तेजोमयी आभा के साथ पूरे भारत में जिसका विकिरण हुआ। बहनों का समागम सफल व सार्थक रहा।

अभिनंदनम – अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन के दसम सत्र की पंचम कार्यकारिणी बैठक एवं उत्तरांचल अधिवेशन अभिनंदन १५ – १६ अक्टूबर 2016 को हरिद्वार में मध्य उत्तर प्रदेश माहेश्वरी महिला संगठन के आतिथ्य में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय अध्यक्षा श्रीमती सुशीला जी काबरा, प्रमुख अतिथि समाजसेवी श्रीमती वंदनाजी सारड़ा, उत्तरांचल उपाध्यक्ष श्रीमती मंजू बांगड़, राष्ट्रीय महामंत्री श्रीमती कल्पना गगडानी, राष्ट्रीय निवर्तमान अध्यक्ष शोभाजी सादानी, राधा कृष्ण धाम के प्रमुख महंत श्री सतपालजी ने कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।

श्री सतपालजी ने उनके वक्तव्य में कहा आज दो मैया का संगम हो रहा है एक गंगा मैया दूसरी मातृशक्ति और मातृशक्ति ही समाज में परिवर्तन लेकर समाज सुधार एवं समाज की उन्नति कर सकती है।

अ. भा. मा. महिला संगठन द्वारा समाज की प्रतिभाशाली महिलाओं को सम्मान पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।

द्वितीय सत्र – कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में राष्ट्रीय कार्यसमिति तथा कार्यकारिणी बैठक हुई |

स्वागत – राष्ट्रीय संगठन द्वारा एकादश सत्र के लिए नव निर्वाचित सभी प्रदेश अध्यक्ष एवं सचिव का स्वागत किया।

सम्मान – राष्ट्रीय संगठन की ओर से दशम सत्र के सभी प्रदेश अध्यक्षों, राष्ट्रीय कार्यसमिति संयोजिकाएँ तथा कार्यसमिति सदस्यों को उनके कार्यों के अनुसार केटेगरी बनाकर स्मृति चिन्ह दिया गया।

अभिनन्दन – सभी राष्ट्रीय पदाधिकारी एवं पूर्व अध्यक्षाओं को स्मृति चिन्ह प्रदान किये गए व उन्हें सम्मानित किया गया, अभिनन्दन किया गया। बनारस से पधारे स्वामीजी परमपूज्य श्री केशवाचार्यजी का स्वागत किया गया। समापन में सभी प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किये गए। शरद पूर्णिमा के उपलक्ष्य में रात्रि को गरबा एवं डांडिया रास का आयोजन किया गया।

तृतीय सत्र – ट्रस्ट की बैठक संपन्न हुई। माहेश्वरी महिला एवं MMU ब्रांड के विषय में चर्चा हुई।

पदाधिकारियों का चयन – संगठन के एकादश सत्र के लिए पदाधिकारियों का सर्व सम्मति से चयन किया गया। सभी नव निर्वाचित पदाधिकारियों का कुमकुम तिलक लगाकर, पगड़ी पहनाकर व दुपट्टा ओढ़ाकर भव्य स्वागत किया।

एकादश सत्र के पदाधिकारी –

  • अध्यक्षा – श्रीमती कल्पनाजी गगडानी, डोंबिवली
  • महामंत्री – श्रीमती आशाजी माहेश्वरी, कोटा
  • निवर्तमान अध्यक्षा – श्रीमती सुशीलाजी काबरा, इंदौर
  • कोषाध्यक्ष – श्रीमती कौशल्याजी गट्टानी, उदयपुर
  • संगठन मंत्री – श्रीमती मंजूजी बांगड़, कानपुर
  • उपाध्यक्ष: पूर्वांचल – श्रीमती सरलाजी काबरा, गुवाहाटी उपाध्यक्ष: पश्चिमांचल – श्रीमती ममताजी मोदानी, भीलवाड़ा
  • उपाध्यक्ष : मध्यांचल – श्रीमती ज्योतिजी राठी, छत्तीसगढ़ उपाध्यक्ष: उत्तरांचल – श्रीमती कांताजी गगरानी,
  • आगरा उपाध्यक्ष: दक्षिणांचल – शैला कलंत्री, येवला
  • संयुक्त सचिव: पूर्वांचल – श्रीमती मंजूजी कोठारी, कोलकाता
  • संयुक्त सचिव: पश्चिमांचल – श्रीमती फूलकौरजी मूंदड़ा, जोधपुर
  • संयुक्त सचिव: मध्यांचल – श्रीमती मंगलजी मर्दा, वापी
  • संयुक्त सचिव: उत्तरांचल – श्रीमती शर्मीला राठी, दिल्ली संयुक्त सचिव: दक्षिणांचल – श्रीमती प्रकाशजी मूंदड़ा, बैंगलूर।

प्रतियोगिताएं –

  • १. नमामि गंगे पोस्टर एवं स्लोगन प्रतियोगिता
  • २. स्वागत लहरी गान प्रतियोगिता
  • ३. आंचलिक स्तर पर नृत्य नाटिका प्रतियोगिता

वैचारिक चिंतन – भाषण प्रतियोगिता विषय ” रिश्तों की अहमियत – समय की पुकार ” समापन में सभी सहयोगी कार्यकर्त्ता बहनों का सम्मान किया गया।

वर्ष 2010 से 2013

अध्यक्षा 

श्रीमती शोभा सादानी, कोलकाता

महामंत्री 

श्रीमती सुशीला काबरा, इंदौर

नव निनाद- अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन के नवम सत्र का शुभारंभ ४-१- २०१० को अहमदाबाद में हुआ एवं “नव-निनाद” के तहत प्रथम कार्यकारी मंडल की बैठक संपन्न हुई, जिसमें 12 पदाधिकारियों के अलावा दो नए पद केंद्रीय कार्यालय मंत्री एवं प्रकल्प प्रमुख का पद बढ़ाया गया तथा पूर्व अध्यक्षों का संरक्षक मंडल भी बनाया गया ।

नवचयन : इस सत्र का घोषवाक्य “महिलाओं की प्रगति- राष्ट्र की उन्नति” को चरितार्थ करते हुए महिलाओं का उत्थान, नौ समितियों का गठन किया गया, जिनके सहयोग से विभिन्न कार्यक्रम संपन्न किये गए ।

बैठकें – पदाधिकारियों की छह बैठकें, कार्यसमिति की पांच बैठकें एवं कार्यकारिणी मंडल की चार बैठकें संपन्न हुई जो कि क्रमानुसार जगन्नाथपुरी, बीकानेर, नागपुर, विराट नगर, अयोध्या, राजनंदगांव, गोवा, सोमनाथ, इंदौर, ग्वालियर तथा नाथद्वारा में संपन्न हुई ।

आंचलिक सम्मेलन- चारों अंचल में आंचलिक सम्मेलन संपन्न हुए ।

नव चेतना शिविर- “गाय – गंगा – ग्रामीण” विषय को लेकर आयोजित किया गया, जिसमें गाय का विशेष महत्व दर्शाया गया । ग्रामीणों का निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण एवं 400 बहनों को वस्त्र वितरण किया गया तथा पर्यावरण का महत्व दर्शाते हुए नदियों का पूजन व सफाई दोनों आवश्यक है समझाया गया । 35 बुजुर्ग महिलाओं का सम्मान किया गया एवम साध्वी रितंभरा दीदी द्वारा मां के महत्व पर संबोधित किया गया एवम उनके द्वारा संचालित अनाथ कन्याओं के लिए वात्सल्य धाम में राष्ट्रीय संगठन की ओर से 25 कन्या के शिक्षा सहयोग हेतू रुपये 3 लाख की धन राशि प्रदान की गई। शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वाध्याय एवं ग्रामीण विकास समितियों के अन्तर्गत चार सम्मलेन हुए।

नव उत्कंठा – गोवा में दक्षिणांचल सम्मेलन संपन्न हुआ जिसमे श्री नंदकिशोर जी मालू ने समाज के किसी भी सदस्य की बाईपास सर्जरी नि:शुल्क कराने का आश्वासन दिया ।

नव तरंग – सोमनाथ में नव तरंग आंचलिक सम्मेलन पश्चिमाञ्चल का संपन्न हुआ । नौ समितियां – ग्रामीण विकास समिति, महिला अधिकार आयोग समिति, औद्योगिक समिति, बहुमुखी प्रतिभा समिति, वेबसाइट संचालन समिति, स्वास्थ्य व स्वाध्याय समिति, कार्यकर्ता प्रशिक्षण समिति, किशोर – किशोरी विकास व प्रशिक्षण समिति, विवाह- संबंध सहयोग समिति ।

नव – निश्चय – कार्यसमिति बैठक १३ – १४ – १५ अप्रैल को जगन्नाथपुरी, उड़ीसा प्रदेश में सभी के सहयोग से आयोजित की गई, जिसमें नव चयनित पदाधिकारियों का अभिनंदन किया गया । इस तरह 90 सदस्यों का अभिनंदन किया गया एवम 170 बहनें उपस्थित थी । इसी के साथ कार्यकर्ता प्रशिक्षण शिविर का भी आयोजन किया गया तथा जीवन प्रबंधन पर व्याख्यान भी रखा गया ।

नव – निर्णय – १- २ – ३ ऑगस्ट २०१० को बीकानेर में १५० बहनों की उपस्थिति में द्वितीय कार्यसमिति बैठक संपन्न हुई, जिसमें “पर्यावरण व प्रदूषण हटाओ” पर पोस्टर व स्लोगन प्रतियोगिता एवं “सामाजिक समस्याओं के समाधान में महिलाओं की भूमिका” विषय पर भाषण प्रतियोगिता भी आयोजित की गई थी ।

नव – परिचया – बीकानेर में “नव परिचया” राष्ट्रीय महिला संगठन की डिरेक्टरी का विमोचन हुआ जिसमें सभी बहनों के नाम, पते के साथ, ईमेल id ब्लड ग्रुप भी शामिल किया गया तथा बहनों के २० अंतर्राष्ट्रीय बहनों के भी नाम और पते प्रकाशित किये गए एवं छोटी मोबाइल डायरी का भी प्रकाशन किया गया । डिरेक्टरी में जिला स्तर के भी नाम शामिल है ।

नव – उड़ान – राष्ट्रीय अध्यक्षा श्रीमती शोभाजी सादानी के नेतृत्व में नॉर्थ अमेरिका के महा अधिवेशन के आमंत्रण पर सदस्य भ्रमण हेतू गए । “परिवार, परंपरा और परिवर्तन” विषय पर यह सम्मेलन आयोजित किया गया था जिसमें श्रीमती सुजाता माहेश्वरी ने ” द्रोपदी का चीर हरण ” पर अनूठी प्रस्तुति दी।

जननी – कल्याण ट्रस्ट की घोषणा कोलकाता में बिड़ला दंपत्ति द्वारा की गई, जिसमें महिलाओं को ₹1000 प्रतिमाह देना आरंभ किया गया ।

नव – प्रगति – महिला उद्योग निर्माण समिति एवं विकास समिति के अंतर्गत “माइट एक्सपो- २०११” एवं इंडस्ट्री ट्रेड फेयर महिला संगठन एवं राष्ट्रीय युवा संगठन के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित किया गया था, जिसमें देश भर से करीब २५० स्टॉल लगाए गए थे। २०० बहनें इस आयोजन में लाभांवित हुई । इसी मेले में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने एवं बहनों को रोजगार दिलाने हेतु माहेश्वरी महिला ब्रांड का लॉन्चिंग श्रीमती सरला जी बिरला के कर कमलों से हुआ । इसके प्रादेशिक स्तर पर डिस्ट्रीब्यूटर बनाए जा रहे हैं ।

नव – प्रगति– 7 जनवरी को नागपुर में द्वितीय कार्यकरणी बैठक एवं विदर्भ का प्रादेशिक सम्मलेन भी संपन्न हुआ । जिसमें प्रख्यात वक्ताओं ने मार्गदर्शन दिया – श्री सुभाष जी लखोटिया, श्री N. D. काबरा, श्री रमाशंकरजी झंवर, श्री अमितजी मोदानी विशेष रुप से उपस्थित रहे । लोकनृत्य प्रतियोगिता- हमारी संस्कृति को जीवंत बनाए रखने के लिए अंतरविद्यालय लोक नृत्य प्रतियोगिता भी संपादित की गई ।

अभिनंदन- माइटएक्सपो में अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त विभिन्न क्षेत्रों की प्रख्यात विभूतियों का अभिनंदन किया गया | ह्यूस्टेन यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर श्रीमती रेणुजी खटोड़, एशियाड में रजत पदक प्राप्त श्री बृजेशजी दम्माणी, आई. टी. सेक्टर में ख्याति प्राप्त श्री अनूपजी तापड़िया तथा चित्रकार श्री मुरलीजी लाहोटी को “महेश रत्न भूषण” की उपाधि से अलंकृत किया गया । नेत्रहीन दाल मिल व्यवसायी श्री दिनेशजी राठी का भी सम्मान किया गया।

नव -निर्माण – 13 से 16 अप्रैल 2011 को नेपाल विराटनगर में तृतीय कार्यसमिति बैठक ” नव – पूर्वा लहरी” पूर्वांचल सम्मलेन संपन्न हुआ, जिसमें १५० बहनें उपस्थित थी । काठमांडू में २ दिवसीय कार्यकर्ता प्रशिक्षण निर्माण शिविर ” नव निर्माण ” का आयोजन किया गया जिसमें प्रशिक्षक श्री रमेशजी परतानी ने ५० बहनों को प्रशिक्षित किया। ” नव पूर्वा लहरी ” स्मारिका का विमोचन भी किया गया।

नव – दिशा – 20 – 21 जुलाई 2011 को राजनंदगांव में चतुर्थ कार्यसमिति की बैठक हुई जिसमें नव चेतना शिविर एवं नव अरुणोदय की योजना बनाई गई ।

नव- चेतना – 9 से 11 अक्टूबर 2011 को अयोध्या में तृतीय कार्यकारिणी मंडल की बैठक संपन्न हुई जिसमे डॉक्टर अनुराधा द्वारा “पर्यावरण बचाओ- प्रदूषण हटाओ” के तहत गंगा आदि नदियों की सफाई, जानकारी व सुझाव दिए गए ।

नव – अरुणोदय – तरुणोत्सव 16 से 18 दिसंबर 2011 को दिल्ली में युवा पीढ़ी के सर्वांगीण विकास एवं उन्हें समाज धारा से जोड़ने व समाज द्वारा प्रदत्त सुविधाओं का लाभ लेने हेतु राष्ट्रीय महिला संगठन का अद्भुत व बहु आयामी प्रयास एवं समाज के लिए अद्वितीय उपलब्धि रही। राष्ट्रपती प्रतिभाताई पाटील के कर कमलों से विज्ञान भवन में इसका भव्य शुभारंभ पद्म भूषण श्रीमती राजश्रीजी बिड़ला एवं श्री देवीसिंहजी शेखावत की उपस्थिति में हुआ। जॉब फेयर भी लगाया गया। 400 युवाओं को Facebook के माध्यम से जोड़ा गया, उनके संबंधों की आपस में चर्चा भी चल रही है।

मार्गदर्शन- प्रखर चिंतक व प्रवक्ता श्री चेतन भगत, श्री रमेशजी परतानी, पद्मश्री श्री श्यामसुंदरजी माहेश्वरी, भाजपा के अध्यक्ष श्री नितिनजी गडकरी, महासचिव श्रीमती किरणजी माहेश्वरी सभी ने युवा पीढ़ी को प्रेरित किया।

देशभक्ति की प्रेरणा – समन्वय समवेत की प्रस्तुति “सरजमीं” राष्ट्र भक्ति से ओत-प्रोत कार्यक्रम स्व देश भक्ति के भावना जगाई एवं शहीद सैनिकों के परिवार के बहनों को सहायता प्रदान की।

लोक कला व संस्कृति का प्रदर्शन- रंगोली, चित्र कला, गायन, वादन, नृत्य व अभिनय प्रतियोगिताएं आयोजित कर समाज की प्रतिभाओं को राष्ट्रीय मंच प्रदान कर और निखार लाने का अवसर प्रदान किया गया। करीब 300 प्रतियोगी ने भाग लिया एवं ६० से अधिक पुरस्कृत किए गए।

प्रशिक्षण- तंजौर पेंटिग, टैलेंट शो, फैशन शो के माध्यम से अपनी- अपनी प्रतिभा व क्षमता का प्रदर्शन किया। फैशन डिज़ाइनर बहनों को व्यावसायिक प्लेटफार्म दिलाने हेतु यह आयोजन किया गया था।

कैरियर गाइडेंस- वर्क शॉप- श्री वेद प्रकाश जी मिश्रा (वॉइस चांसलर- नागपुर यूनिवर्सिटी), श्री रामराजेश मिश्र (वॉइस चांसलर- उज्जैन यूनिवर्सिटी) श्री सुभाषजी मूंदड़ा (यूनियन बैंक), श्री श्रीकांत बाल्दी (IAS ऑफिसर) श्री अश्विनीजी माहेश्वरी जैसे वक्ताओं ने युवा पीढ़ी को आधुनिक टेक्नोलॉजी, वैश्विकरण, सफल व्यवसाई बनने के गुण एवं सांस्कृतिक मूल्यों की सुंदर राह दिखाई। “नव- अरुणोदय” कार्यक्रम बहुमुखी प्रतिभा समिति, किशोर- किशोरी विकास समिति, एवं विवाह संबंध सहयोग समिति तीनों का मिला जुला प्रयास था।

विवाह संबंध सहयोग समिति: इसके माध्यम से दो बार सभी प्रदेश अध्यक्षों को १०० तथा १५० बायोडाटा की फाइल बनाकर सभी प्रादेशिक संयोजिका को दी गई । जिसमें विवाह संबंध में आ रही बाधा को दूर करने का प्रयास किया गया। नव- अरुणोदय के माध्यम से भी परस्पर संबंध की चर्चा चल रही है।

वेबसाइट संचालन समिति: इस के माध्यम से करीब-करीब सभी प्रदेशों में निशुल्क कंप्यूटर प्रशिक्षण दिया गया एवं बड़े हर्ष की बात है कि 50 वर्ष से ऊपर की भी काफी महिलाओं ने इस में उत्साह दिखाया और अपडेट रहने के लिए प्रशिक्षण लिया।

महिला अधिकार आयोग समिति: इसके अंतर्गत विभिन्न प्रदेशों में विशेषज्ञ को बुलाकर वर्तमान समय में महिलाओं को शासन की ओर से प्राप्त अधिकारों की जानकारी देकर जागरुक
किया गया एवं लिखित में भी परिपत्र भेजे गए।

स्वास्थ्य एवं परिवार पर एवं परामर्श समिति: इसके तहत बहनों को लिखित परिपत्रों के माध्यम से काफी जानकारियां भेजी गई ।

पंचम कार्यसमिति बैठक : 3 व 4 मार्च 2012 को पंचम कार्यसमिति बैठक गोवा में 100 बहनों की उपस्थिति में संपन्न हुई। जिसमे मुख्य वक्ता के रूप में पुणे के श्री जे पी सोमानी ने “परिवार की शिक्षा, व्यापार व भारत निर्माण में महिलाओं की भूमिका” विषय पर विस्तृत जानकारी देते हुए बच्चों को शिक्षा के लिए महत्वपूर्ण बातें बताई। इसके साथ दक्षिणांचल का सम्मेलन का उद्घाटन संपन्न हुआ।जिसमें प्रतिभा निखार हेतू एकल अभिनय व व्यंग्य चित्र प्रतियोगिताएं आयोजित की गई।

तृतीय कार्यकारी मंडल बैठक: सोमनाथ में “नव- तरंग” पश्चिमाञ्चल सम्मेलन के साथ संपन्न हुई जिसमे गाय और पंचगव्य के महत्व पर से उत्तम कुमार जी महेश्वरी द्वारा महत्वपूर्ण जानकारी दी गई।

षष्ठम कार्यसमिति बैठक: इंदौर में 1 व 2 सितंबर 2012 को “नव- निर्माण” दो प्रशिक्षकों की ट्रेनिंग प्रोग्राम के साथ कार्यसमिति की एवं पदाधिकारियों की बैठक का आयोजन हुआ। जिसमें 3 से 6 जनवरी 2013 को कोलकाता में आयोजित होने वाले महा-अधिवेशन “नव आरोहण” की रूपरेखा तय की गई एवं आयोजित होने वाले कार्यक्रमों पर विस्तृत चर्चा कर संयोजक का चयन किया गया। साथ ही संस्था की स्मारिका “नव-आरोहण” प्रकाशित करना तय किया गया। महिलाओं के उत्थान, आत्मविश्वास बढ़ाने एवं प्रतिभा प्रदर्शन हेतु विभिन्न कार्यक्रम स्वास्थ्य शिविर, औद्योगिक मेला, प्रेरणा गीत आदि तथा पारिवारिक सामाजिक समस्याओं के कारण व
निवारण हेतु अलग-अलग विषयों पर नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किए जाएंगे। इस समस्त समितियों के अंतर्गत ही विभिन्न प्रदेशों में स्वास्थ्य परीक्षण शिविर एवं प्रादेशिक सम्मलेन भी आयोजित किए गए।

सप्तम कार्यसमिति बैठक: ग्वालियर में 7 – 8 अप्रैल 2013 को संपन्न हुई। जिसमें श्रीमती पदमाजी मूंदड़ा द्वारा संविधान की जानकारी एवं श्रीमती लताजी लाहोटी द्वारा विधान में संशोधन किये जाने पर चर्चा हुई। राजस्थान प्रदेश को भौगोलिक दृष्टि से महासभा के निर्देशानुसार विभाजन किया जायेगा एवं तब तक के लिए ११ सदस्यों की तदर्थ समिति बनाई गई। स्वर्गीय शकुंतला जी चांडक के मरणोपरांत सम्मान श्री छोटेलाल जी चांडक एवं उनके परिवार वालों का किया गया एवम भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई। नवम सत्र के सभी पदाधिकारियों, प्रदेश अध्यक्ष व सचिव तथा समिति अध्यक्ष को राष्ट्रीय संस्था की ओर से स्मृति चिन्ह प्रदान किए गए। दसम सत्र हेतु बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद के लिए श्रीमती सुशीला जी काबरा के नाम की सर्व सम्मति से घोषणा की गई व सम्मान किया गया ।

पंचम कार्यकारी मंडल बैठक: नाथद्वारा में 27 जून 2013 को श्री नाथद्वारा में राष्ट्रीय महिला संगठन के सप्तम व अंतिम कार्यकारी मंडल की बैठक संपन्न हुई, जिसमें भारतीय जनता पार्टी के उपाध्यक्ष श्रीमती किरण जी माहेश्वरी मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित थी। श्री विशाल जी माहेश्वरी, कोटा के लायन डिस्ट्रिक्ट 323 के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर निर्वाचित किए जाने पर राष्ट्रीय संगठन द्वारा आपका अभिनंदन किया, आप विशेष अतिथि के रुप में उपस्थित थे। आयुष्मान प्रणव मोदानी को भी उसके अचीवमेंट के लिए सम्मानित किया गया । डाक्टर तारा माहेश्वरी को लायंस में 34 अवार्ड प्राप्त करने पर सम्मान किया गया। राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती शोभाजी सादानी को प्राउड ऑफ बंगाल के उपाधि से नवाजा गया आपका सभी अध्यक्ष द्वारा सम्मान किया गया।बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा दशम सत्र हेतू राष्ट्रीय अध्यक्ष व सभी 14 पदाधिकारियों के नामों की सर्वानुमति से घोषणा कर पुष्प गुच्छ देकर व दुपट्टा ओढ़ाकर सम्मानित किया गया।

चेतना – लहर : चेतना- लहर के माध्यम से काफी प्रदेशों में श्रीमती शोभाजी सादानी, श्रीमती विमलाजी साबू, श्रीमती गीताजी मूंदड़ा द्वारा सामाजिक व पारिवारिक विषयों जैसे ” पारिवारिक सामंजस्य “, ” सोच वही- दिशा नई “, ” लड़कियों की कमी” आदि विषयों पर टॉक शो का संचालन किया गया।

महिला सेवा ट्रस्ट : अखिल भारतीय महिला सेवा ट्रस्ट में सन २०१० तक कार्पस फण्ड RS. 5748101 था । और ४८ सदस्यों को RS. 394000 की सहायता प्रदान की गई थी। नवम्बर २०१२ में बढ़कर Rs. 7516102 हो गयी एवं इस वर्ष ६४ सदस्यों को Rs. 447307 की राशि सहयोग स्वरुप शिक्षा, स्वास्थ्य एवं व्यवसाय हेतू प्रदान की गई है।

माहेश्वरी महिला पत्रिका : पत्रिका द्विमासिक रूप से नियमित प्रकाशित हो रही है। संचालन बोर्ड की कमिटी पहली बार बनाई गई।

स्मारिका : कर्नाटक, पश्चिमी मध्य प्रदेश, दिल्ली, विदर्भ, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, नेपाल, राजस्थान, उड़ीसा, मध्य मध्य प्रदेश, मध्य उत्तर प्रदेश आदि कई प्रदेशों द्वारा स्मारिका प्रकाशित
की गई है एवं पश्चिमांचल द्वारा पांचों प्रदेश की सामूहिक पाती कार्यवृतांत की जानकारी के साथ तथा कोलकत्ता से दुर्गेश नंदिनी के माध्यम से गतिविधियां प्रकाशित की जाती है।

सेवा – सहयोग: अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन द्वारा रुपए 51000 राष्ट्रीय वन बंधु परिषद को आदिवासी बच्चों के शिक्षा हेतु एवं राष्ट्रीय युवा संगठन को 8.30 लाख रुपए की राशि लोहार्गल में भवन निर्माण हेतु तथा वात्सल्य धाम में 25 अनाथ कन्या के शिक्षा हेतु 300000 रुपए की राशि सहयोग स्वरुप प्रदान की गई। राष्ट्रीय महिला संगठन को महासभा के पदाधिकारियों द्वारा भी सदैव सहयोग प्रदान किया गया एवम महासभा के अध्यक्ष, महामंत्री व पदाधिकारियों ने उपस्थित रहकर उत्साहवर्धन किया।

भ्रमण- राष्ट्रीय अध्यक्ष शोभा जी सादानी द्वारा छत्तीसगढ़, विदर्भ, पूर्वी मध्य उत्तर प्रदेश, आसाम, दिल्ली, बिहार, राजस्थान, अमेरिका, नेपाल, मध्य मध्य प्रदेश, बांग्लादेश आदि प्रदेश का भ्रमण किया एवं उनके कार्यक्रम में भाग लिया । हाल ही में उड़ीसा में महाराष्ट्र में 7 दिन में 20 स्थानों का 5 दिन में आंध्र प्रदेश कर्नाटक का भ्रमण किया जहां पर कोई नहीं गया था। महामंत्री सुशीला जी काबरा ने राजस्थान, कोलकाता, मध्य मध्य प्रदेश, पश्चिम मध्य प्रदेश, पूर्वी उत्तर प्रदेश, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, विदर्भ आदि प्रदेशों का भ्रमण किया व कार्यक्रम में हिस्सा लिया।

सम्मान – राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती शोभाजी को पश्चिम बंगाल प्रदेश सरकार की ओर से महानायक उत्तम कुमार लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

नव-आरोहण में विभिन्न कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हुए-

1. नव- एकता: प्रदेशों की संस्कृति के साथ बैनर प्रेजेंटेशन
2. नव-मृणालिनी: पारिवारिक, सामाजिक व राष्ट्रीय ज्वलंत समस्याओं पर नुक्कड़ नाटक प्रतियोगिता
3. नव – प्रणीति : प्रेरणा गीत प्रतियोगिता
4. नव- रस फुहार: साहित्य के नौ रस के आधार पर एकल नृत्य प्रतियोगिता
5. नव – मनीषा: वाद – विवाद प्रतियोगिता "महिलाओं की उच्च शिक्षा से ही परिवार, समाज व राष्ट्र की उन्नति"
6. नव रंग बहार : आंचलिक नृत्य नाटिका प्रतियोगिता नौ समितियों के कार्य, उद्देश्य, महत्व, विवरण के साथ
7. नव उदिता: प्रश्न – मंच
8. नव – अपरूपा: टैलेंट शो
9. नव- चित्रा: भारत की प्रसिद्ध नारियों का कोलार्ज
10. वृहद औद्योगिक मेला
11. निशुल्क स्वास्थ्य शिविर सभी समाज जनों के सहयोग से सभी कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हुए। सभी को हार्दिक धन्यवाद।

वर्ष 2006 से 2010

अध्यक्षा

श्रीमती बिमला साबू, सूरत

महामंत्री

श्रीमती शोभा सादानी, कोलकाता

अष्टम सत्र

7- 8 जनवरी 2006 से अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन का अष्टम सत्र औरंगाबाद बैठक से प्रारंभ हुआ। शांत, सौम्य व कर्मठ व्यक्तित्व वाली श्रीमती विमला देवी साबू, सूरत ने अध्यक्ष एवं श्रीमती शोभाजी सादानी कोलकाता ने महामंत्री का कार्यभार संभाला । घोषवाक्य “संस्कार जगाओ-परिवार बचाओ” निश्चित किया गया । उसी अनुकूल कार्यक्रम भी सुचारु रुप से संपन्न किए गए । इस सत्र में कार्यक्रम के विस्तार के अनुसार 12 समितियों के संयोजक मनोनीत किए गए ताकि सभी अपनी-अपनी समिति का कार्य व्यवस्थित रुप से परिपूर्ण करवा सके । 300 सदस्यों के रंगीन चित्र सहित टेलीफोन विवरणिका का प्रकाशन व विमोचन सत्र के प्रथम तीन माह में पूरा हुआ ।

अष्टम सत्र जनवरी 2006 से जनवरी 2010 तक संपन्न हुए मुख्य कार्यक्रम

“अखिल भारतीय महिला सेवा ट्रस्ट” का निर्माण :
7 जनवरी 2006 को अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन द्वारा “अखिल भारतीय महिला सेवा ट्रस्ट” का गठन किया गया जो बालिकाओं की शिक्षा एवं महिलाओं के स्वास्थ्य व स्वावलंबन हेतू सहयोग राशि देकर विकास के कार्यों में सहयोग कर रहा है ।

रचनात्मक कार्यक्रमों के साथ राष्ट्रीय बैठकें

उड़ान- 2006 : 9-10- 11 अप्रैल 2006 को अष्टम सत्र की प्रथम कार्यसमिति बैठक एवं राष्ट्रीय कार्यकर्ता प्रशिक्षण शिविर ” उड़ान – 2006 ” का आयोजन कोलकाता प्रदेश के अंतर्गत हावड़ा अंचल में किया गया ।

शत प्रतिशत 22 प्रदेशों सहित डेढ़ सौ बहनों की उपस्थिति। सांस्कृतिक कार्यक्रम “मीरा के प्रभु गिरधर” एवं रविंद्र संगीत में प्रार्थना कार्यक्रम की अति सुंदर प्रस्तुति। राष्ट्रीय पदाधिकारियों एवं 12 समिति संयोजिका का अभिनंदन एवं उनकी भावी योजना कार्य हेतू उदगार, कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण एवं कार्य उपयोगी मार्गदर्शन अभूतपूर्व तथा सराहनीय था। राष्ट्रीय महिला संगठन की रंगीन सचित्र परिचय पुस्तिका का विमोचन हुआ।

सरिता- संगम- 2006

10 सितंबर 2006 को सत्र की द्वितीय कार्यकारिणी बैठक एवं राष्ट्रीय “काव्य- पाठन प्रतियोगिता” का आयोजन सरिता – संगम – 2006, मुंबई प्रदेश अंतर्गत मुंबई में किया गया। प्रतियोगिता में सभी प्रदेशों से करीबन 45 प्रतियोगियों ने भाग लिया। उत्कृष्ट 5 को पुरस्कृत किया गया। सामान्य गृहिणियों के द्वारा रचित कविताएं इतनी उच्च कोटि की थी कि उनको संग्रहित कर किताब ” काव्य- धारा” का प्रकाशन हुआ । टॉक शो, राजस्थानी गीत, नृत्य तथा भजन प्रभात बहुत ही सराहनीय कार्यक्रम थे। करीबन 225 महिलाओं की उपस्थिति बाहर से रही। राष्ट्रीय महिला संगठन की संपर्क निर्देशिका (पॉकेट डायरेक्टरी) का विमोचन हुआ।

उमंग – 2007

6-7 जनवरी 2007 को द्वितीय कार्यसमिति बैठक तथा पश्चिमांचल का सम्मेलन “उमंग – 2007” छत्तीसगढ़ के रायपुर में आयोजन किया गया । आंचलिक पांचों प्रदेश मिलाकर प्रतियोगिता मूलक कार्यक्रम रंगोली सजाओ, ग्रीटिंग कार्ड बनाओ, निबंध लिखो प्रस्तुत किए जो काफी सराहनीय रहे। छत्तीसगढ़ प्रदेश के मुख्यमंत्री की पत्नी श्रीमती वीणा सिंग ने कार्यक्रम का उदघाटन किया ।

आराधना- 2007

16 से 20 अप्रैल 2007 उत्तराँचल के ऋषिकेश में अष्टम सत्र के तृतीय कार्यकारिणी बैठक तथा आध्यात्म शिविर ” आराधना – 2007 ” का अविस्मरणीय आयोजन संपन्न हुआ । इस कार्यक्रम में 500 महिलाओं की उपस्थिति में चुनरी मनोरथ, गंगा पूजन, स्नान, दर्शन, प्रभात फेरी, संकीर्तन आदि का आध्यात्म लाभ मिला। आंचलिक भजन संध्या, एकल अभिनय, शिव वंदना आदि अद्वितीय कार्यक्रम संपन्न हुए। सांस्कृतिक संवर्धन, प्रश्न पत्र, प्रश्न मंच, मनीषियों द्वारा रचित दोहे की अंताक्षरी से पुराने साहित्य का फिर से हुआ मर्जन, योगा और स्वास्थ्य परीक्षण से हुआ स्वास्थ्य शिविर सफल।

मणिपुष्पक- 2007
दिल्ली में अष्टम सत्र की तृतीय कार्यसमिति बैठक “मणिपुष्पक- 2007” का आयोजन हुआ।15 प्रदेशों की उपस्थिति, महासम्मेलन हेतु निर्णय, सिंगापुर भ्रमण हेतु चर्चा, सुंदर सांस्कृतिक तथा भजन का कार्यक्रम। ट्रस्ट तथा प्रादेशिक विधान हेतु विचार-विमर्श एवं निर्णय ।

आपणी धरा- 2007
भीलवाड़ा में 29 दिसंबर 2007 को कार्यकारी मंडल की बैठक “आपणी धरा-2007” अधिवेशन के साथ संपन्न हुई। जिसमें 1000 महिलाओं का सहभागिता रही। बैठक में उदयपुर अधिवेशन की रूपरेखा बनी।

विज़न – 2007
9 से 17 सितंबर तक सिंगापुर,मलेशिया विदेश यात्रा “विज़न – 2007”, 135 यात्रियों के साथ
सफलतापूर्वक संपन्न हुई। कुआलालंपुर, जेंटिंग, पुत्रजाया, स्टार क्रूज, सिंगापुर आदि सुंदर स्थानों का अवलोकन करते हुए सिंगापुर मारवाड़ी समाज के साथ बैठक तथा माहेश्वरी सभा का गठन हुआ। सिंगापुर माहेश्वरी समाज के नए प्रमुख माणिक जी माहेश्वरी को बनाया गया। यह कार्यक्रम इस यात्रा की विशेष उपलब्धि रही ।

उत्कर्ष एवं तरुणोदय – 2007
6 – 7 नवंबर 2007 को किशोर- किशोरी एवं नव दंपत्ति मनोविकास शिविर “उत्कर्ष” विदर्भ प्रदेश के अंतर्गत अमरावती में दक्षिणांचल स्तर पर तथा 6 – 9 जून को पश्चिम बंगाल प्रदेश के अंतर्गत सिलीगुड़ी में “तरुणोदय” का आयोजन पूर्वांचल स्तर पर लिया गया। इन शिविरों में लड़के-लड़कियां मिलाकर करीबन १५० शिविरार्थी गण विशेषज्ञ ट्रेनर से लाभांवित हुए। सामाजिक, व्यावसायिक एवं व्यावहारिक विषयों के अलावा स्वास्थ्य, योगा प्राणायाम, नृत्य कुशलता भी विशेषज्ञ द्वारा सिखाया गया।

आवाहन – 2008
9-10 अप्रैल 2008 को इंदौर में कार्यसमिति की सभा संपन्न हुई । इसमें अधिवेशन की रूप रेखा बनाई गयी ।

प्रेरणा – 2008
वृंदावन में 9-10 सितम्बर 2008 को कार्यसमिति की बैठक संपन्न हुई । अधिवेशन समीक्षा की गई एवं हिसाब – किताब दिया गया । इंदौर में होनेवाले वृहद औद्योगिक मेला एवं कार्यसमिति तथा कार्यकारिणी की सभा व राष्ट्रीय उद्योग मेला ” उत्थान 2009 ” लेने का निर्णय लिया गया ।

आंचलिक कार्यक्रम
आंचलिक पदाधिकारीगण – पूर्वांचल से उपाध्यक्ष श्रीमती राज झंवर, सहमंत्री श्रीमती सुनीता मूंदड़ा, पश्चिमांचल से उपाध्यक्ष श्रीमती सरस्वती लोहिया, सहमंत्री श्रीमती सरस्वती रांदड़, उत्तराँचल से उपाध्यक्ष श्रीमती आशा लड्ढा, सहमंत्री श्रीमती रेखा माहेश्वरी, दक्षिणांचल से उपाध्यक्ष श्रीमती कल्पना गगडानी सहमंत्री श्रीमती शकुंतला मोहता के अथक परिश्रम से दक्षिणांचल में ‘समर्पण सम्मेलन’ रामेश्वरम में, पूर्वांचल में ‘इंद्रधनुष सम्मेलन’ देवघर में, पश्चिमाञ्चल सम्मेलन ‘उमंग’ रायपुर में संपन्न हुए ।

राष्ट्रीय समितियों का प्रादेशिक कार्य

कार्यकर्ता प्रशिक्षण शिविर
कोलकाता में राष्ट्रीय शिविर के आयोजन के अलावा प्रादेशिक स्तर पर राष्ट्रीय संयोजिका श्रीमती लताजी लाहोटी के नेतृत्व में राष्ट्रीय पदाधिकारियों की उपस्थिति एवं मार्गदर्शन में कोलकाता प्रदेश, मध्य उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ प्रदेश आदि जगहों पर एक दिवसीय अथवा दो दिवसीय शिविर संपन्न हुए ।

किशोर किशोरी मनोविकास शिविर
राष्ट्रीय स्तर पर पूर्वांचल व दक्षिणांचल के अलावा प्रादेशिक स्तर पर भी राष्ट्रीय संयोजिका डॉक्टर श्रीमती ताराजी माहेश्वरी के नेतृत्व में राष्ट्रीय पदाधिकारियों की उपस्थिति तथा मार्गदर्शन में कोलकाता, तमिलनाडु, कर्नाटक, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, विदर्भ, पश्चिम बंगाल, दिल्ली आदि प्रदेशों में आयोजित किए गए ।

औद्योगिक मेला

राष्ट्रीय संयोजिका उर्मिला जी झंवर के नेतृत्व में राष्ट्रीय स्तर पर औद्योगिक मेला ” विराट ट्रेड फेयर ” का आयोजन 2008 के दिसंबर में इंदौर में भव्यता से संपन्न हुआ। इसके अलावा प्रदेश स्तर पर कोलकाता, विदर्भ, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ आदि जगहों पर किया गया ।

आध्यात्मिक शिविर

राष्ट्रीय संयोजिका पुष्पलताजी परतानी के नेतृत्व में ऋषिकेश में राष्ट्रीय स्तर पर आध्यात्मिक शिविर लिया गया । प्रदेश स्तर पर कोलकाता, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, विदर्भ, बिहार, राजस्थान, आदि में लिया गया ।

साहित्यिक समिति
राष्ट्रीय संयोजिका गीता जी मूंदड़ा के नेतृत्व में राष्ट्रीय स्तर पर काव्य लेखन प्रतियोगिता, प्रश्न मंच, प्रश्न पत्र, दोहों की अंताक्षरी, पश्चिमाञ्चल सम्मेलन में निबंध लिखो, वाद विवाद, आप की अदालत आदि कार्यक्रम किए गए । इसके अलावा प्रादेशिक स्तर पर जगह जगह भाषण प्रतियोगिता, विचार गोष्ठी आदि का आयोजन हुआ। अन्य सभी आंचलिक सम्मेलन तथा महासम्मेलन में साहित्यिक प्रतियोगिता प्रस्तुत की गई ।

सांस्कृतिक समिति
राष्ट्रीय संयोजिका श्रीमती जमुनाजी हेड़ा के नेतृत्व में राष्ट्रीय स्तर पर काव्य पाठ प्रतियोगिता, आंचलिक भजन संध्या, एकल अभिनय, वंदना आदि प्रतियोगिताएं, मीरा के प्रभु गिरधर नृत्य नाटिका का मंचन, पश्चिमाञ्चल सम्मेलन में एकल नृत्य, देशभक्ति गीत आदि का आयोजन । प्रदेश स्तर पर कार्यक्रम राजस्थान द्वारा सतरंगी बहार का कार्यक्रम, मुम्बई द्वारा राजस्थानी नृत्य गीत के कार्यक्रम, दिल्ली द्वारा हास्य नाटक का मंचन, भजन प्रभात का आयोजन, कोलकाता द्वारा हिंदी रूपांतरित रवीन्द्र संगीत प्रार्थना आदि कार्यक्रम आयोजित हुए । महासम्मेलन में भी प्रतियोगिता मूलक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ। माहेश्वरी समाज के गायक कलाकारों द्वारा शादी के कार्यक्रमों में गाए जाने वाले गीतों की सीडी “सगाई से विदाई” का विमोचन महासम्मेलन उदयपुर में हुआ।

स्वास्थ्य शिविर
स्वास्थ्य शिविर की संयोजिका डॉक्टर श्रीमती इंद्रा मूंदड़ा के नेतृत्व में महिलाओं के उत्तम स्वास्थ्य के विषयक पत्र परिपत्र प्रकाशित किए गए तथा किशोरियों के शादी के पहले स्वास्थ्य के प्रति सचेतन हेतु प्रचार- प्रसार रूबेला वैक्सीन के बारे में बताया गया । राष्ट्रीय स्तर के सभी कार्यक्रमों में हमारे डॉक्टर सदस्यों द्वारा स्वास्थ्य विषयक चर्चा-परिचर्चा, चेकअप आदि किया गया। प्रदेश स्तर पर काफी स्वास्थ्य शिविर के आयोजन किए गए। महासम्मेलन में स्वास्थ्य शिविर का राष्ट्रीय स्तर पर आयोजन हुआ।

कंप्यूटर प्रशिक्षण समिति
राष्ट्रीय संयोजिका कीर्ति लखोटिया द्वारा पत्रक प्रेषित कर सभी सदस्यों से अपील की गई है कि जिस शहर या गांव में लखोटिया कंप्यूटर सेंटर हो वहां एक विशेष कार्यक्रम द्वारा कम शुल्क में महिलाओं को प्रारंभिक तौर पर कंप्यूटर का प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिसका प्रचार प्रसार किया गया । कुछ प्रदेश की महिलाओं ने इसका लाभ उठाया।

विवाह संबंध सहयोग समिति
राष्ट्रीय संयोजिका विजयाजी फोफलिया द्वारा लड़कियों के बायोडेटा माहेश्वरी महिला में प्रकाशित किये जिसका सुखद परिणाम प्राप्त हुए | इसके अलावा कोलकाता, मुंबई, दिल्ली बैठक के दौरान आपके द्वारा बायोडाटा सम्मेलन किया गया |

परिवार परामर्श समिति

इस समिति की संयोजिका श्रीमती रत्नीदेवी काबरा के मार्गदर्शन से पारिवारिक एवं सामाजिक समस्या एवं समाधान हेतू पत्र परिपत्र निकलते थे । इस हेतू विचार गोष्ठियां तथा टॉक शो, प्रश्न मंच आदि का आयोजन व्यापक स्तर पर प्रदेशों में किया गया। राष्ट्रीय अध्यक्षा एवं महामंत्री अपने स्तर से इस समस्या हेतू कॉउंसलिंग कर के समाधान करने का प्रयास करते है ।

बहुमुखी प्रतिभा निर्माण
इस समिति की संयोजिका सुजाता माहेश्वरी द्वारा राष्ट्रीय अध्यक्षा एवं महामंत्री के सहयोग से बहुमुखी प्रतिभाशाली व्यक्तित्व की डायरेक्टरी बनाई गई । बहुमुखी व्यक्तित्व निर्माण हेतू ब्रेन एंड ब्यूटी कार्यक्रम छत्तीसगढ़ तथा कोलकाता में आयोजित किया गया । पश्चिमांचल में भी श्रीमती पश्चिमा हेतू प्रतियोगिता राखी गयी । सभी आंचलिक सम्मलेन एवं महासम्मेलन में महिला प्रतिभा विकास हेतू ऐसे कार्यक्रमों को प्राथमिकता दी गई ।

महिला अधिकार आयोग समिति
राष्ट्रीय संयोजिका सांसद किरण जी माहेश्वरी के नेतृत्व में सरकार की तरफ से समाज के परिपेक्ष में महिला हेतु क्या नियम, कानून है, इसकी जानकारी दी गई ।

महिला सेवा ट्रस्ट
अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन द्वारा निर्मित इस ट्रस्ट की प्रबंधक है वर्तमान अध्यक्षा श्रीमती गीता जी मूंदड़ा। इस ट्रस्ट का शुभारंभ कर सुचारु रुप से संचालन भी किया जा रहा है । महिलाओं के सर्वांगीण विकास तथा जरूरतमंद महिलाओं के सहयोग में ट्रस्ट हेतु अनुदान राशि प्रदान करने का आह्वान किया । सूरत बाढ़ में प्रभावग्रस्त, 5 लड़कियों को शिक्षा हेतु ₹25000 राष्ट्रीय संगठन द्वारा प्रदान किया गया ।

माहेश्वरी महिला
राष्ट्रीय महिला संगठन की कार्य दर्पण की प्रतीक ये पत्रिका भूतपूर्व अध्यक्षा श्रीमती मनोरमाजी लड्डा के कर कमलों द्वारा संपादित होती है तथा प्रकाशन की जिम्मेदारी ली है श्रीमती शकुंतला जी चांडक ने । वर्ष में ६ पत्रिकाएं निकलती है, करीबन 3000 सदस्य हैं । आध्यात्मिक, स्वास्थ्य, संस्कार, शिक्षा आदि विषयों पर शिक्षाप्रद लेख प्रकाशित होते हैं । अध्यक्ष तथा संपादकीय लेख रुचिकर पठनीय तथा प्रभावशाली होते हैं । इस सत्र में आवरण पृष्ठ को छायाचित्र सह रंगीन बनाकर आकर्षण प्रदान किया गया है । वर्ष में दो विशेषांक तथा विशेष कार्यक्रमों के विशेषांक निकाले जाते हैं । पत्रिका समय पर सभी सदस्यों के पास पहुंच जाती है ।

प्रादेशिक विधान निर्माण
भूतपूर्व अध्यक्षा श्रीमती लताजी लाहोटी के अथक प्रयासों से सत्र संरक्षिका भूतपूर्व अध्यक्षा श्रीमती पदमाजी मूंदड़ा के मार्गदर्शन में प्रादेशिक विधान का मॉडल प्रारूप गठन कर राष्ट्रीय पदाधिकारी गण के समक्ष चर्चा-परिचर्चा कर प्रदेशों में प्रेषित हेतु प्रस्तुत किया गया । सभी प्रदेश अध्यक्ष द्वारा अपने क्षेत्र के भौगोलिक स्थिति के आधार पर मॉडल विधान के अनुरूप प्रदेश विधान बनाने का निर्णय लिया गया । भीलवाड़ा में कार्यकारिणी की बैठक में सभी अध्यक्षों ने अपने प्रदेश के विधान प्रस्तुत किए ।

शिखर की ओर- सृजन 2008
“संस्कार जगाओ – परिवार बचाओ ” के आधार पर अष्टम सत्र के नए स्तर के अदभुत एवं संदेशवाहक कार्यक्रमों की श्रृंखला माहेश्वरी महिला महाअधिवेशन “शिखर की ओर – सृजन 2008 के रूप में उदयपुर में भव्यता से संपन्न हुआ ।

उत्थान 2009
समाज की उद्यमी बहनों के सर्वांगीण विकास 3-4- 5 जनवरी 2009 को इंदौर में राष्ट्रीय बृहद औद्योगिक मेला संपन्न हुआ । जिसमें बहनों द्वारा 150 स्टॉलें विविध सामग्रियों के लगाये गए । एक लघु भारत की कल्पना इस मेले में देखने को मिली ।

मुख्य आकर्षण
मांगलिक आँगन, घर – आँगन, हस्त शिल्प – आंगन, अन्नपूर्णा – आँगन, विविध आँगन, प्रतियोगिता, प्रेरणा सत्र, पुरस्कार वितरण, लकी ड्रा, लकी टाइम, एक त्रिदिवसीय कार्यशाला भी रखी गई । इस मेले का उदघाट्न सभापति श्री रामपालजी सोनी ने किया । इसके मुख्य अतिथि थे श्रीमती किरणजी धूत, औरंगाबाद व श्रीमती निशाजी जोहरी, जोधपुर।

वर्ष 2002 से 2015

अध्यक्षा

श्रीमती गीता मूंदड़ा, इंदौर

महामंत्री

स्वर्गीय श्रीमती लीला सारड़ा, नागपुर
श्रीमती बिमलाजी साबू, सूरत

13 – 14 जुलाई 2002 को उदयपुर में सप्तम सत्र का प्रारंभ हुआ । श्रीमती गीताजी मूंदड़ा, इंदौर ने अध्यक्ष पद की शपथ ली तथा नागपुर निवासी श्रीमती लीलाजी सारडा को महामंत्री बनाया गया । करीब डेढ़ वर्ष बाद श्रीमती लीला जी के असामायिक निधन से रिक्त हुए स्थान पर सूरत निवासी बिमलाजी साबू को आमंत्रित किया गया । “आध्यात्म जगाओ- नैतिकता बढ़ाओ” के घोषवाक्य के साथ सप्तम सत्र की सक्रियता आगे बढ़ी । मुखपत्र का रजिस्ट्रेशन होने पर नव नारी जागृति से नाम परिवर्तित होकर “माहेश्वरी महिला” हुआ । पूरे सत्र में 5 कार्यकारी मंडल, सात कार्यसमितियों की बैठकें व ग्यारह कार्यक्रम हुए। ‘जीवन प्रवाह’ एवं सभी छः समितियों की जानकारी बतौर छः पुस्तिका, कुल दस पुस्तिका का प्रकाशन हुआ। पर्याप्त भ्रमण व पत्राचार हुआ । महामंत्री श्रीमती बिमलाजी साबू ने अमेरिका प्रवास के दौरान वहां भी मीटिंग ली।

तृतीय सम्मलेन : 1 सितम्बर 2005 को अकोला में महिला महोत्सव “मंथन – 2005″ महिलाओं की बड़ी संख्या में उपस्थिति के साथ संपन्न हुआ । इस अवसर पर भव्य उदघाटन समारोह, स्वास्थय प्रदर्शनी, प्रश्न मंच, सांस्कृतिक कार्यक्रम, सांयकालीन दीपयज्ञ, प्रभात फेरी, स्लोगन तथा पोस्टर प्रतियोगिता, बैनर प्रेजेंटेशन, टॉक शो, श्रीमती माहेश्वरी प्रतियोगिता एवं विशेषज्ञ के उदबोधन, प्रतिभाशाली सात महिलाओं का सम्मान, खुला मंच व पुरस्कार वितरण समारोह के साथ ” मंथन – 2005 ” सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ । साथ ही अखिल भारतीय माहेश्वरी महिला सेवा ट्रस्ट के निर्माण का प्रस्ताव पारित हुआ।

वर्ष 1998 से 2002

अध्यक्षा

श्रीमती लता लाहोटी, पुणे

महामंत्री

श्रीमती गीता मूंदड़ा, इंदौर

7-3- 1998 को इछलकरनजी में सर्वसम्मति से श्रीमती लताजी लाहोटी, पुणे को अध्यक्ष व श्रीमती गीताजी मूंदड़ा, इंदौर को महामंत्री पद के लिए मनोनीत किया गया । “संस्कार जगाओ- संस्कृति बचाओ” का प्रेरणा स्तोत्र नारा देकर कार्यकर्ताओं को दिशा प्रदान की । राष्ट्रीय संगठन द्वारा निर्देशित कार्यक्रम औद्योगिक मेला चेन्नई में, निबंध प्रतियोगिता, पॉकेट डायरेक्टरी का प्रकाशन, नागपुर में कार्यकर्ता प्रशिक्षण शिविर, कोलकाता में “सतरंगी झंकार- 2000” , पुणे में उद्योग व्यवसाय व प्रबंधन प्रशिक्षण शिविर “निखार – 2000”, सामाजिक समस्याओं के चिंतन हेतु पोस्टर प्रतियोगिता आदि के सफलतापूर्वक आयोजन हुए । बिहार में बाढ़ पीड़ितों की सहायता तथा गुजरात भूकंप के समय युवा संगठन के साथ मिलकर आवास योजना में योगदान । सभी छह समितियों के माध्यम से कार्य हुए ।

प्रथम अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन 2000 में शिकागो अमेरिका में महामंत्री श्रीमती गीताजी मूंदड़ा एवं उद्योग समिति संयोजिका श्रीमती कांताजी सोडानी ने भारत का प्रतिनिधित्व किया ।

वर्ष 1994 से 1998

अध्यक्षा

श्रीमती मनोरमा लड्ढा, ग्वालियर

महामंत्री

श्रीमती लता लाहोटी, पुणे

जनवरी 1994 में जैसलमेर अधिवेशन के समय अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन की अध्यक्षा श्रीमती मनोरमा जी लड्ढा, ग्वालियर एवं महामंत्री श्रीमती लताजी लाहोटी, पुणे बनी । “जागृति लाओ- संगठन बनाओ” के घोष वाक्य के साथ सत्र प्रारंभ हुआ । 5 समितियों के गठन एवं संगठन का मुखपत्र प्रारंभ करने का निर्णय लिया । समितियों के तहत संगमनेर में कार्यकर्ता स्वाध्याय शिविर, इंदौर में औद्योगिक मेला एवं हैदराबाद में युवा संगठन के साथ “आपणो उत्सव” कार्यक्रम हुए । सादगीपूर्ण बैठक करना, कुमकुम, चावल से तिलक लगाकर, एक फूल से स्वागत करना एवं स्मृति चिह्न नहीं लेने जैसे महत्वपूर्ण निर्णय का अमल हुआ।

वर्ष 1989 से 1994

अध्यक्षा

श्रीमती पद्मा मूंदड़ा, अमरावती

महामंत्री

श्रीमती लता लाहोटी, पुणे

1989 में तिरुपति अधिवेशन से चतुर्थ सत्र प्रारंभ हुआ । श्रीमती पद्मादेवीजी मूंदड़ा को पुनः अध्यक्ष पद का भार सौंपा गया व महामंत्री के लिए सक्रिय युवा कार्यकर्ता श्रीमती लताजी लाहोटी, पुणे का मनोनयन किया गया । महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने हेतु महिला औद्योगिक कार्य को महत्व दिया गया । स्थानीय प्रादेशिक संगठन बनाए गए । पदाधिकारियों के भ्रमण से महिलाओं में जागृति आई व महिला संगठन का विधान बनाया गया ।

वर्ष 1976 से 1982

अध्यक्षा

श्रीमती पद्मा मूंदड़ा, अमरावती

महामंत्री

श्रीमती मनोरमा लड्ढा, ग्वालियर

1985 में इंदौर में माहेश्वरी महासभा का महाअधिवेशन हुआ जिसमें महिलाओं की पूरी भागीदारी रही। उच्च विचार सादा जीवन वाली विदुषि महिला प्रोफेसर श्रीमती पद्माजी मूंदड़ा, अमरावती ने महिला संगठन का अध्यक्ष पद संभाल कर संगठन को एक नई दिशा दी । पौधे ने वृक्ष का रूप धारण किया अध्यक्षा की सूझ-बुझ, कड़ी मेहनत, समाज प्रेम से महिला संगठन ने नए आयाम स्थापित किए। महामंत्री श्रीमती मनोरमाजी लड्डा, ग्वालियर एवं पदाधिकारियों द्वारा भ्रमण कार्य प्रारंभ किए गए जिससे की स्थानीय स्तर पर जागृति आये व स्थानीय संगठनों का गठन हो ।

द्वितीय सम्मेलन:- अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन का द्वितीय सम्मेलन 6 फरवरी सन 1989 को अकोला (विदर्भ) में आयोजित हुआ । इसमें सामाजिक विषमता एवं आडंबर पूर्ण रिवाजों के विरुद्ध प्रस्ताव पास हुए । सम्मेलन में बुजुर्ग सामाजिक कार्यकर्ता बहनों का सम्मान किया गया । संगठन में पूरे सत्र सक्रियता से कार्य हुए व संगठन का विस्तृत रूप उभरकर सामने आया ।

वर्ष 1982 से 1985

अध्यक्षा

स्वर्गीय श्रीमती ज्ञानकुमारी हेड़ा, हैदराबाद

महामंत्री

श्रीमती मनोरमा लड्ढा, ग्वालियर

1982 में इंदौर के श्री हरिकिशनजी मुछाल महासभा के अध्यक्ष बने | हैदराबाद की अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन की अध्यक्षा पुनः स्वर्गीय श्रीमती ज्ञान कुमारीजी हेड़ा बनी व महामंत्री का पद संभाला श्रीमती मनोरमाजी लड्ढा ने । अध्यक्ष और महामंत्री द्वारा महासभा के कार्यकारी मंडल के सदस्यों को परिपत्र भेजकर स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता बहनों तक पहुंचने का अथक प्रयास किया गया । सभी भाइयों को संगठन द्वारा रक्षासूत्र भेज कर स्थानीय संगठन के बनाने, उन्हें राष्ट्रीय पहचान दिलाने में आशाजनक सफलता मिली ।

अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन का प्रथम सम्मेलन:

महिलाओं को संगठित करके उन्हें सक्रिय एवं जागरूक बनाने हेतू 31 अक्टूबर 1982 को अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन का प्रथम अधिवेशन ग्वालियर में आयोजित किया गया ।

वर्ष 1976 से 1982

अध्यक्षा

स्वर्गीय श्रीमती ज्ञानकुमारी हेड़ा, हैदराबाद

महामंत्री

श्रीमती सरोज बजाज, हैदराबाद

महासभा की सशक्त भुजा के रूप में माहेश्वरी महिला संगठन का गठन 1976 में नागपुर में महासभा के अधिवेशन के समय स्वर्गीय श्री रामगोपालजी माहेश्वरी की प्रेरणा से किया गया । कर्मठ व्यक्तित्व की धनी स्वर्गीय श्रीमती ज्ञान कुमारीजी हेड़ा संगठन की प्रथम अध्यक्षा बनी। महिलाओं को संगठित करके उन्हें जागृति की ओर अग्रसर करने का कार्यभार श्रीमती हेड़ा ने संभाला व मंत्री के रुप में श्रीमती सरोजजी बजाज ने इस कार्य में सहयोग दिया