इतिहास के झरोखों से…….

अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन

स्थापना 28.12. 1976 

अध्यक्षा कार्यकाल समय महामंत्री
स्वर्गीय श्रीमती ज्ञानकुमारीजी हेड़ा, हैद्राबाद वर्ष 1976 से 1982 श्रीमती डॉक्टर सरोज बजाज, हैदराबाद
स्वर्गीय श्रीमती ज्ञान कुमारी हेड़ा, हैदराबाद वर्ष 1982 से 1985 श्रीमती मनोरमा लड्ढा, ग्वालियर
श्रीमती पद्मा देवी मूँदडा, अमरावती वर्ष 1985 से 1989 श्रीमती मनोरमा लड्ढा, ग्वालियर
श्रीमती पद्मा देवी मूँदडा, अमरावती वर्ष 1989 से 1994 श्रीमती लता लाहोटी, पुणे
श्रीमती मनोरमा लड्ढा, ग्वालियर वर्ष 1994 से 1998 श्रीमती लता लाहोटी, पुणे
श्रीमती लता लाहोटी, पुणे वर्ष 1998 से 2002 श्रीमती गीता मूँदडा, इंदौर
श्रीमती गीता मूँदडा, इंदौर वर्ष 2002 से 2006 स्वर्गीय श्रीमती लीला सारड़ा, नागपुर
श्रीमती विमला साबू, सूरत
श्रीमती विमला साबू, सूरत वर्ष 2006 से 2010 श्रीमती शोभा सादानी, कोलकाता
श्रीमती शोभा सादानी, कोलकाता वर्ष 2010 से 2013 श्रीमती सुशीला काबरा, इंदौर
श्रीमती सुशीला काबरा, इंदौर वर्ष 2013 से 2016 श्रीमती कल्पना गगडानी, डोंबिवली
श्रीमती आशा माहेश्वरी, कोटा वर्ष 2017 से 2019 श्रीमती मंजू बांगड़, कानपुर

महासभा की सशक्त भुजा के रूप में माहेश्वरी महिला संगठन का गठन 1976 में नागपुर में महासभा के अधिवेशन के समय स्वर्गीय श्री रामगोपालजी माहेश्वरी की प्रेरणा से किया गया । कर्मठ व्यक्तित्व की धनी स्वर्गीय श्रीमती ज्ञान कुमारीजी हेड़ा संगठन की प्रथम अध्यक्षा बनी। महिलाओं को संगठित करके उन्हें जागृति की ओर अग्रसर करने का कार्यभार श्रीमती हेड़ा ने संभाला व मंत्री के रुप में श्रीमती सरोजजी बजाज ने इस कार्य में सहयोग दिया इस सत्र को प्रथम सत्र का दर्जा दिया गया ।

1982 में इंदौर के श्री हरिकिशनजी मुछाल महासभा के अध्यक्ष बने | हैदराबाद की अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन की अध्यक्षा पुनः स्वर्गीय श्रीमती ज्ञान कुमारीजी हेड़ा बनी व महामंत्री का पद संभाला श्रीमती मनोरमाजी लड्ढा ने । अध्यक्ष और महामंत्री द्वारा महासभा के कार्यकारी मंडल के सदस्यों को परिपत्र भेजकर स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता बहनों तक पहुंचने का अथक प्रयास किया गया । सभी भाइयों को संगठन द्वारा रक्षासूत्र भेज कर स्थानीय संगठन के बनाने, उन्हें राष्ट्रीय पहचान दिलाने में आशाजनक सफलता मिली ।

अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन का प्रथम सम्मेलन

महिलाओं को संगठित करके उन्हें सक्रिय एवं जागरूक बनाने हेतू 31अक्टूबर 1982 को अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन का प्रथम अधिवेशन ग्वालियर में आयोजित किया गया । खुले अधिवेशन के मुख्य अतिथि डॉक्टर सुश्री सरस्वतीजी पंडित दुदानी रही । समय की मांग के अनुसार अधिवेशन में दहेज व महिलाओं की हत्या व आत्महत्या के विरोध में प्रस्ताव पारित किया । अध्यक्षा स्व. श्रीमती ज्ञान कुमारीजी ने एवं महामंत्री श्रीमती मनोरमा जी लड्ढा के निरंतर पत्राचार एवं प्रथम महिला अधिवेशन से संगठन की एक राष्ट्रीय पहचान बनी। नए स्थानीय संगठनों की स्थापना करना, विद्यार्थियों को जाजू ट्रस्ट से छात्रवृत्ति दिलाना, महिलाओं को रोजगार हेतू सिलाई मशीन या अन्य साधनों की व्यवस्था करना, गरीब कन्याओं का विवाह आदि कार्य संगठन द्वारा किए गए । इस सत्र में दिल्ली, अमरावती, भोपाल, जयपुर, रांची, पंचमढ़ी, चेन्नई, इंदौर में महासभा के साथ ही महिलाओं की बैठकें हुई ।

1985 में इंदौर में माहेश्वरी महासभा का महाअधिवेशन हुआ जिसमें महिलाओं की पूरी भागीदारी रही । उच्च विचार सादा जीवन वाली विदुषी महिला प्रोफेसर श्रीमती पद्माजी मूँदडा, अमरावती ने महिला संगठन का अध्यक्ष पद संभाल कर संगठन को एक नई दिशा दी । पौधे ने वृक्ष का रूप धारण किया अध्यक्षा की सूझ-बुझ, कड़ी मेहनत, समाज प्रेम से महिला संगठन ने नए आयाम स्थापित किए । महामंत्री श्रीमती मनोरमाजी लड्डा एवं पदाधिकारियों द्वारा भ्रमण कार्य प्रारंभ किए गए जिससे की स्थानीय स्तर पर जागृति आये व स्थानीय संगठनों का गठन हो ।

द्वितीय सम्मेलन: अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन का द्वितीय सम्मेलन 6 फरवरी सन 1989 को अकोला (विदर्भ) में आयोजित हुआ । विभिन्न स्थानों से एकत्रित महिलाओं के बीच विचार विमर्श के पश्चात सामाजिक विषमता एवं आडंबर पूर्ण रिवाजों के विरुद्ध प्रस्ताव पास हुए । सम्मेलन में बुजुर्ग सामाजिक कार्यकर्ता बहनों का सम्मान किया गया । संगठन में पूरे सत्र सक्रियता से कार्य हुए व संगठन का विस्तृत रूप उभरकर सामने आया ।

1989 में तिरुपति अधिवेशन से चतुर्थ सत्र प्रारंभ हुआ । श्रीमती पद्मादेवीजी मूँदडा को पुनः अध्यक्ष पद का भार सौंपा गया व महामंत्री के लिए सक्रिय युवा कार्यकर्ता श्रीमती लताजी लाहोटी, पुणे का मनोनयन किया गया । महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने हेतु महिला औद्योगिक कार्य को महत्व दिया गया । स्थानीय प्रादेशिक संगठन बनाए गए । पदाधिकारियों के भ्रमण से महिलाओं में जागृति आई व महिला संगठन का विधान बनाया गया ।

जनवरी 1994 में जैसलमेर अधिवेशन के समय अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन की अध्यक्षा श्रीमती मनोरमाजी लड्डा, ग्वालियर एवं महामंत्री श्रीमती लताजी लाहोटी, पुणे बनी । ” जागृति लाओ- संगठन बनाओ” के घोष वाक्य के साथ सत्र प्रारंभ हुआ। पांच समितियों के गठन एवं संगठन का मुखपत्र प्रारंभ करने का निर्णय लिया । समितियों के तहत- संगमनेर में “कार्यकर्ता स्वाध्याय शिविर” , इंदौर में “औद्योगिक मेला” एवं हैदराबाद में युवा संगठन के साथ “आपणो उत्सव” कार्यक्रम हुए । सादगीपूर्ण बैठक करना, कुमकुम, चावल से तिलक लगाकर एक फूल से स्वागत करना एवं स्मृति चिह्न नहीं लेने जैसे महत्वपूर्ण निर्णय पर अमल हुआ ।

7 मार्च 1998 को इचलकरंजी में हुई बैठक में षष्टम सत्र प्रारंभ हुआ । सर्वसम्मति से श्रीमती लताजी लाहोटी, पुणे को अध्यक्ष व श्रीमती गीताजी मूँदडा, इंदौर को महामंत्री पद के लिए मनोनीत किया गया । “संस्कार जगाओ- संस्कृति बचाओ” का प्रेरणा स्तोत्र नारा देकर कार्यकर्ताओं को दिशा प्रदान
की । राष्ट्रीय संगठन के द्वारा निर्देशित कार्यक्रम औद्योगिक मेला चेन्नई में, निबंध प्रतियोगिता, पॉकेट डायरेक्टरी का प्रकाशन, नागपुर में कार्यकर्ता प्रशिक्षण शिविर, कोलकाता में “सतरंगी झंकार-2000”
पुणे में उद्योग व्यवसाय व प्रबंधन प्रशिक्षण शिविर “निखार – 2000”, सामाजिक समस्याओं के चिंतन हेतू पोस्टर प्रतियोगिता, आदि का सफलता पूर्वक आयोजन हुए । बिहार में बाढ़ पीड़ितों की सहायता तथा गुजरात भूकंप के समय युवा संगठन के साथ मिलकर आवास योजना में योगदान दिया । सभी छह समितियों के माध्यम से कार्य हुए ।

प्रथम अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन 2015 शिकागो (अमेरिका) में महामंत्री श्रीमती गीताजी मूँदडा व उद्योग समिति की संयोजक श्रीमती कांताजी सोडानी ने भारत का प्रतिनिधित्व किया ।

अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन का सप्तम सत्र 13-14 जुलाई 2002 को उदयपुर अधिवेशन से प्रारंभ हुआ । बहुमुखी प्रतिभा की धनी श्रीमती गीता मूँदडा, इंदौर ने अध्यक्ष पद की शपथ ली और नागपुर निवासी श्रीमती लीला जी सारडा को महामंत्री बनाया गया । करीब डेढ़ वर्ष बाद श्रीमती लीला जी के असामयिक निधन से रिक्त स्थान पर सूरत निवासी श्रीमती विमलाजी साबू को महामंत्री मनोनीत किया । “आध्यात्म जगाओ – नैतिकता बढ़ाओ” के घोष वाक्य के साथ सप्तम सत्र की सक्रियता आगे बढ़ी । मुखपत्र का रजिस्ट्रेशन होने पर “नवनारी जागृति” से नाम परिवर्तित होकर “माहेश्वरी महिला” हुआ । पूरे सत्र में 5 कार्यकारी मंडल व सात कार्यसमिति की बैठकें व
ग्यारह कार्यक्रम हुए । टेलीफोन विवरणिका, स्वागत लहरी, मांडणा, “जीवन प्रवाह” एवं सभी छह समितियों की जानकारी बतौर 6 पुस्तिका, कुल 10 पुस्तकों का प्रकाशन हुआ । पर्याप्त भ्रमण तथा
पत्राचार हुआ । महामंत्री श्रीमती विमलाजी साबू ने अमेरिका प्रवास के दौरान वहां भी मीटिंग ली ।

प्रथम बार चार आंचलिक सम्मेलन, झिंझोली में दस दिवसीय किशोर विकास शिविर, इंदौर में वृहद औद्योगिक मेला, विवेकानंद केंद्र ग्वालियर में आध्यात्मिक शिविर तथा स्वागत गीत, मांडणा व लघु नाटिका प्रतियोगिता हुई। महिला महोत्सव मंथन 2005 अकोला में संपन्न हुआ । इस अवसर पर “अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला सेवा ट्रस्ट” की स्थापना का निर्णय लिया गया । भव्य उद्धघाटन समारोह, उपयोगी स्वास्थ्य प्रदर्शनी, प्रश्न मंच, मनोहारी सांस्कृतिक कार्यक्रम, व्यवस्थित प्रभात फेरी, दीपयज्ञ, बैनर प्रेजेंटेशन, टॉक शो, वक्ताओं के प्रभावी व्याख्यान तथा श्रीमती माहेश्वरी प्रतियोगिता हुई ।

8 जनवरी 2006 को औरंगाबाद में सत्र प्रारंभ हुआ। श्रीमती विमलाजी साबू, सूरत ने अध्यक्ष पद की शपथ ली तथा कोलकाता निवासी श्रीमती शोभाजी सादानी महामंत्री मनोनीत की गई । “संस्कार जगाओ- परिवार बचाओ” के घोष वाक्य के साथ यह कार्य आगे बढ़ा । चार नए प्रदेशों का गठन 12 समितियां बनी । तीन महीने में ही प्रथम बार रंगीन सचित्र परिचय पुस्तिका का प्रकाशन हुआ । मुंबई में महिलाओं की स्व-रचित काव्य प्रतियोगिता हुई, इसकी श्रेष्ठ कविताओं का संकलन “काव्य- हरी” के नाम से प्रकाशित की गई । अखिल भारत वर्षीय महिला सेवा ट्रस्ट का रजिस्ट्रेशन एवं कार्य प्रारंभ हुआ । सिंगापुर, मलेशिया की विदेश यात्रा “विज़न – 2015”, ऋषिकेश में दो बार आध्यात्मिक शिविर एवं उदयपुर में “शिखर की ओर” महिला महासम्मेलन हुआ। प्रादेशिक मॉडल विधान बनाया।

सभी समितियों के प्रशंसनीय कार्य के साथ राष्ट्रीय स्तर पर वृहद औद्योगिक मेला, कार्यकर्ता प्रशिक्षण एवं किशोर – किशोरी शिविर, भ्रमण एवं पर्याप्त पत्राचार से जागृति आई । राष्ट्रीय बैठकों के साथ सांस्कृतिक एवं साहित्यिक प्रतियोगियताओं का आयोजन । कुल चार कार्यकारी मंडल, छः कार्यसमिति एवं छः पदाधिकारियों की बैठक संपन्न हुई । अध्यक्ष एवं मंत्री द्वारा सत्रह प्रदेशों का भ्रमण किया गया।

रायपुर व ऋषिकेश में क्रमशः पश्चिमांचल तथा उत्तराँचल सम्मलेन हुए । दक्षिणांचल स्तर पर नवदम्पति मनोविकास शिविर “उत्कर्ष” अमरावती में तथा पूर्वांचल स्तर पर तरुणोदय सिलीगुड़ी में संपन्न हुए । उदयपुर में “शिखर की ओर” महिला महाधिवेशन जून 2008 में संपन्न हुआ, जिसमेँ
बारह समितियों के कार्यों की झलक विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से दिखाई गई । मुख्यतः मानसी- 2008 महान ऐतिहासिक नारी पात्रों पर लघु नाटिका, काव्य के माध्यम से प्रादेशिक रिपोर्ट, भाषण प्रतियोगिता, समाज की अदालत एवं अन्य सांस्कृतिक, बौद्धिक तथा शैक्षणिक कार्यक्रम हुए । उदयपुर में महिला महासम्मलेन “शिखर की ओर” में 3000 बहनों की उपस्थिति रही ।

4 जनवरी 2010 को अहमदाबाद से सत्र आरंभ हुआ। श्रीमती शोभाजी सादानी, कोलकाता ने अध्यक्ष पद संभाला एवं श्रीमती सुशीलाजी काबरा, इंदौर का महामंत्री पद हेतु मनोनयन हुआ। घोषवाक्य “महिलाओं की प्रगति- राष्ट्र की उन्नति” तय किया गया। नौ समितियों का गठन हुआ। कार्यकारी मंडल की चार, कार्यसमिति की छः एवं पदाधिकारियों की छः बैठकेँ हुई। विराट नगर, अयोध्या, गोवा व सोमनाथ में क्रमशः “नव पूर्वा लहरी”, “नवचेतना”, “नव उत्कंठा” एवं “नव तरंग” नाम से आंचलिक सम्मेलन हुए । अयोध्या में “गाय, गंगा, ग्रामीण” विषय को मद्देनजर रखकर ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य शिविर एवं वस्त्र वितरण तथा अनेक प्रतियोगिताएं हुई । 35 बुजुर्ग महिलाओं का सम्मान एवं वात्सल्य धाम वृंदावन को 300000 रुपए की राशि प्रदान की गई ।

जगन्नाथपुरी में कार्यसमिति बैठक “नव निश्चय” में कार्यकर्ता प्रशिक्षण एवं जीवन प्रबंधन पर व्याख्यान बीकानेर में “नवनिर्माण”, पर्यावरण बचाओ- प्रदूषण हटाओ पर पोस्टर व स्लोगन प्रतियोगिता हुई । “नव-परिचया” नाम से डायरेक्टरी का विमोचन व मोबाइल डायरेक्टरी का प्रकाशन । “उड़ान” के तहत 34 सदस्यों का नॉर्थ अमेरिका भ्रमण, वहां पर श्रीमती सुजाता माहेश्वरी द्वारा द्रौपदी के चीरहरण पर प्रस्तुति दी गई । जननी कल्याण ट्रस्ट द्वारा कोलकाता में 20 महिलाओं को ₹1000 प्रति माह देना प्रारंभ ।

नव प्रगति के नाम से राष्ट्रीय महिला व युवा संगठन के संयुक्त तत्वाधान में “माइट- एक्सपो” के अंतर्गत 250 स्टॉल्स तथा अनेक कॉरपोरेट के 50 स्टॉल्स एवं महिलाओं को रोजगार देने हेतु M.M.U. ब्रांड का लॉन्चिग हुआ। इस अवसर पर ह्यूसटन यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर श्रीमती रेणुजी खटोड़, एशियाड में रजत पदक विजेता श्रीमान ब्रजेश दम्माणी, आईटी सेक्टर के श्री अनूप जी तापड़िया एवं चित्रकार श्रीमान मुरलीजी लाहोटी का अभिनंदन किया गया ।

नव अरुणोदय: 16-17- 18 दिसंबर को दिल्ली में युवा पीढ़ी को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने हेतु तरुणोदय का आयोजन। भूतपर्व राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभाताई पाटील के कर कमलों से विज्ञान भवन में भव्य शुभारम्भ। पद्मम भूषण श्रीमती राजेश्रीजी बिड़ला एवं श्री देवी सिंह जी शेखावत की गरिमामयी उपस्थिति । प्रखर चिंतक चेतनजी भगत, श्री रमेशजी परतानी, पद्मश्री श्यामसुंदरजी माहेश्वरी, श्री नितिनजी गडकरी, श्रीमती किरणजी माहेश्वरी ने युवा पीढ़ी को प्रेरित किया। अनेक प्रतियोगिताएं एवं प्रशिक्षण, क्विज कॉन्टेस्ट व फैशन शो हुआ ।

नव आरोहण : 3 से 6 जनवरी 2013 को कोलकाता में महिला महाअधिवेशन में बैनर प्रेजेंटेशन, सामाजिक समस्याओं पर नुक्कड़ नाटक, प्रेरणा गीत, एकल नृत्य, वाद-विवाद, आंचलिक नृत्य नाटिका, प्रश्न मंच, टैलेंट शो प्रतियोगिताएं हुई । निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण शिविर, वृहद औद्योगिक मेला आयोजित “आनंद उत्सव” सीडी का विमोचन, दीपयज्ञ व गायत्री यज्ञ से शुभारंभ। ‘दामिनी’ को शोक श्रद्धांजलि दी गई ।

नव निशांत: 27 जून 2013 को नाथद्वारा में दसम सत्र के पदाधिकारियों का चयन किया गया । जिसमें दुर्गेशनंदिनी स्मारिका कोलकाता प्रदेश की, श्रीमती सुमन सोनी के भजनों की cd एवं परिणय संदेश का विमोचन किया गया एवम श्रीमती शोभाजी सादानी को प्राइड ऑफ बंगाल अवॉर्ड से सम्मानित करने पर तथा डॉक्टर तारा माहेश्वरी को लायंस क्लब में 38 पुरस्कार प्राप्त करने पर एवं ममता मोदानी के सुपुत्र प्रणय मोदानी को जॉर्जिया में सम्मानित होने पर संस्था द्वारा अभिनंदन किया गया।

शुभम 2013 : त्रिवेणी संगम महासभा, महिला संगठन एवं युवा संगठन की सम्मिलित बैठक गुजरात के सूरत, में आयोजित की गई थी | जिसमें नव निर्वाचित पदाधिकारियों को पिन लगाकर कार्यभार सौंपा गया एवं 10 समितियों के संयोजक व सह संयोजक मनोनीत कर उनका भी अभिनंदन कर जानकारी दी गई। महिला सेवा ट्रस्ट के पदाधिकारियों का चयन किया गया एवम ट्रस्ट की प्रबंध समिति का गठन किया गया।

अभ्युदयम: राष्ट्रीय महिला संगठन की द्वितीय कार्यकारिणी बैठक 11 जनवरी 2014 को चेन्नई में “अभ्युदयम माईट एक्सपो” औद्योगिक मेले के साथ संपन्न हुई । जिसमें समिति संयोजकों द्वारा कार्य योजना प्रस्तुत की गई। श्रीमती माधुरी सुधा द्वारा रंगोली का डेमोंस्ट्रेशन तथा सलाद डेकोरेशन डेमोंस्ट्रेशन दिया गया। दिव्यांग कलाकारों द्वारा शास्त्रीय नृत्य भी प्रस्तुत किया गया |

प्रशिक्षण: श्री विवेक करवा द्वारा वूमेन एंड मनी एवं ऑनलाइन मार्केटिंग की जानकारी दी गई। मेले में पूरे भारत में करीब उद्यमी बहनों के 120 स्टॉल लगाए गए थे । बेंगलुरु में श्रीमती गीताजी मूँदडा एवं श्रीमती शोभाजी सादानी द्वारा कार्यकर्ता प्रशिक्षण लिया गया ।

अनुष्ठानम: 26 – 27 अप्रैल 2014 को बेंगलुरु में द्वितीय कार्यसमिति बैठक आयोजित की गई जिसमें श्रीमती प्रकाशजी मूँदडा को “जीवन गौरव” उपाधि से सम्मानित किया गया। गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, कोलकाता, पश्चिम बंगाल की परिचय पुस्तिका का विमोचन किया गया।

“तरुण- तरंग” : “ट्रेनड द ट्रेनर्स – युवा पीढ़ी के लिए” का आयोजन अमरावती में किया गया। जिसमें 12 प्रदेशों की करीब 40 बहनों ने प्रशिक्षण लिया एवं अपने-अपने प्रदेश में भावी पीढ़ी को सक्षम बनाने का संकल्प किया।

आचमनम: 11- 12 – 13 सितंबर 2014 को शिर्डी में तृतीय कार्यकारिणी बैठक, आध्यात्मिक शिविर एवं दक्षिणांचल का सम्मेलन संपन्न हुआ जिसमें करीब 850 महिलाओं की उपस्थिति में श्री
किशोरजी व्यास के कर कमलों से उद्घाटन हुआ एवं उनके आशीर्वचनों से बहनों को मार्गदर्शन मिला, जिसमें माहेश्वरी समाज की घटती हुई जनसंख्या पर विशेष ध्यान देने को कहा एवम प्रति परिवार तीन या चार बच्चे होने चाहिए ऐसा उनका कहना था ।

विभिन्न प्रतियोगिताएं- कृष्ण लीला डायरी, पोस्टर एवं स्लोगन प्रतियोगिता, स्वस्थ- व्यस्त- मस्त महिला प्रतियोगिता, प्रश्न-मंच, एकल अभिनय नृत्य नाटिका, जीवन एक आनंद यात्रा, स्वास्थ्यवर्धक मार्गदर्शन, भाषण प्रतियोगिता सामाजिक समस्या पर, महाराष्ट्र की लोक संस्कृति सुंदर नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत की गई ।

घोषवाक्य पर निबंध प्रतियोगिता: “श्रेष्ठ जीवन का आधार, शिक्षा, सुरक्षा और संस्कार” विषय पर निबंध प्रतियोगिता आयोजित की गई थी जिसमें पूरे भारत से करीब 22 बहनों ने अपने निबंध भेजे थे 5 प्रतियोगियों को पुरस्कृत किया गया।

काव्य लेखन-वाचन प्रतियोगिता: “ग्राम विकास से ही राष्ट्र का विकास है” विषय पर काव्य लेखन एवं पठन प्रतियोगिता आयोजित की गई थी जिसमें 50 बहनों ने प्रतिभागिता दर्शाई एवं बड़े जोश से काव्य पाठ किया पांच बहनों को पुरस्कृत किया गया ।

ओजसम-2014 : 19-20- 21 दिसंबर 2014 को अहमदाबाद , गुजरात में तृतीय कार्यसमिति बैठक एवं किशोरी विकास शिविर ओजसम – 2014 संपादित किया गया जिसका उद्घाटन जल
संसाधन मंत्री श्रीमती किरण जी माहेश्वरी के कर-कमलों से हुआ। श्री माधवप्रपन्नाचार्यजी के आशीर्वचनों से शुभारंभ हुआ। युवा पीढ़ी को समाज की ओर आकर्षित करने हेतु विभिन्न प्रतियोगिता एवं कार्यक्रम आयोजित किए गए।

विभिन्न प्रतियोगिताएं : ड्राइंग एवं पेंटिंग प्रतियोगिता, कॉइन पैकिंग, साड़ी पैकिंग, बेस्ट आउट ऑफ वेस्ट, ट्रेजर हंट, क्विज कांटेस्ट, वाद- विवाद प्रतियोगिता, गरबा, नृत्य, नुक्कड़ नाटक विभिन्न सामाजिक समस्याओं पर, पर्सनल्टी कॉन्टेस्ट ओजस्विनी, खुशबू गुजरात की नृत्य कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया । युवा पीढ़ी भाग लेकर अति उत्साहित थी एवं उनका प्रतिवर्ष ऐसे कार्यक्रम करने का आग्रह रहा। 800 से अधिक बहनों ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया।

रबर की गुड़िया को सहयोग- गिनीज बुक फेम कुमारी श्रद्धा मूँदडा ने योगासन प्रस्तुत किया।
विदेशों में आयोजित प्रतियोगिता में भाग लेने एवं आगे बढ़ाने हेतु महिला सेवा ट्रस्ट एवं संगठन की बहनों के सहयोग से करीब ढ़ाई लाख रुपये एवं कॉस्ट्यूम का सहयोग प्रदान किया। ताकि भारत ही नहीं विदेश में भी वह समाज का नाम रोशन कर सकें ।

अर्ध्यम : 2 और 3 मई 2015 को हैदराबाद में राष्ट्रीय संगठन की चतुर्थ कार्यसमिति बैठक हुई जिसमें प्रादेशिक गतिविधियों की रिपोर्टिंग प्रतियोगिता आयोजित की गई थी एवं इंदौर में महाअधिवेशन संपन्न कराने का निर्णय लिया गया । श्री रमेशजी जैन का पारिवारिक रिश्तों पर व्याख्यान एवम एक कवि सम्मेलन का भी आयोजन किया गया था । महिला अधिकार एवं सुरक्षा समिति के अंतर्गत पोस्टर एवं स्लोगन प्रतियोगिता भी आयोजित की गई थी ।

आरोहण : 5 अप्रैल से 22 अप्रैल 2015 तक एक 17 दिवसीय ऑस्ट्रेलिया एवं न्यूजीलैंड भ्रमण का कार्यक्रम 48 सदस्यों के साथ संपन्न हुआ। सिडनी में के.के. भूतड़ा एवं श्री सुनीलजी काबरा एवं अन्य समाज बंधुओं के साथ बैठक हुई जिसमें काबराजी ने कहा समाज बंधुओं को उन्नति हेतु विदेशों में जाना चाहिए तथा समाज से कोई ऑस्ट्रेलिया आएंगे तो हम यथा संभव सहायता करेंगे।

आव्हानं : 12 – 13 सितंबर 2015 को गोहाटी में चतुर्थ कार्यकारी मंडल की बैठक एवं पूर्वांचल सम्मलेन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ । बैठक में अधिवेशन में आयोजित कार्यक्रमों की जानकारी दी गई । काव्य लेखन प्रतियोगिता आयोजित की गई एवं समय से अपनी वसीयत लिखने वाली महिलाओं को सम्मानित किया गया ।

आंचलिक सम्मेलन एवं प्रादेशिक सम्मलेन:

दक्षिणांचल: शिर्डी में दक्षिणांचल का सम्मेलन आयोजित किया गया था, जिसमें "सेवा- संतोष- सदाचार" विषय पर भाषण प्रतियोगिता, कृष्ण लीला डायरी एवं पोस्टर प्रतियोगिता आयोजित की गई थी। साईं बाबा की नगरी में साईं बाबा के चरित्र पर एकल अभिनय आदि अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया था। महाराष्ट्र प्रदेश में प्रादेशिक आंचलिक सम्मेलन लातूर, सांगली, बीड, जालना, कर्जत आदि में संपन्न हुए। शहरों की प्रोफेशनल बहने गांव में कार्य कर रही हैं उनका, तीन बेटियों की माता का, कैरियर करने वाली दिव्यांग बहनों का प्रदेश स्तर पर सम्मान भी किया गया।

उत्तरांचल: कानपुर में मध्य उत्तर प्रदेश का प्रादेशिक सम्मलेन “ज्योति कलश” एवं पंजाब
हरियाणा की फरीदाबाद में “नव तरंग” आयोजित किया गया। पूर्वी उत्तर प्रदेश द्वारा भी लखनऊ में प्रादेशिक सम्मलेन समायोजित किया गया।

मध्यांचल: महिला महाधिवेशन “सृजन – सेतु 2016 ” पूरे भारत का संपन्न हुआ, सभी प्रदेशों की सहभागिता रही । उज्जैन में पश्चिमी मध्य प्रदेश द्वारा द्वि – दिवसीय “आगाज” प्रादेशिक सम्मलेन लिया गया । विदर्भ के मानोरा, गुजरात के द्वारका में ” स्वयं – सिद्धा 2015″ प्रादेशिक अधिवेशन, छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में प्रादेशिक सम्मलेन आयोजित किए गए । जिससे समाज के अन्य लोग प्रभावित व जागरुक हुए।

पूर्वांचल : “पूर्वाकिरण” गुवाहाटी में आंचलिक सम्मेलन संपन्न हुआ एवं कोलकाता प्रदेश में
प्रादेशिक सम्मलेन व आंचलिक कार्यकर्ता प्रशिक्षण शिविर लिया गया ।

पश्चिमाञ्चल: पुष्कर में पश्चिमाञ्चल सम्मेलन का आयोजन किया गया। बीकानेर में जन जागरूकता के काफी कार्य किए गए। जोधपुर में कार्यकर्ता प्रशिक्षण शिविर का आयोजन व कोटा एवं भीलवाड़ा में औद्योगिक मेला, बेटी बचाओ पर प्रादेशिक कार्यक्रम संपन्न हुए ।

भ्रमण :

पूर्वांचल : उड़ीसा, बिहार, पश्चिम बंगाल, कोलकाता प्रदेश का भ्रमण राष्ट्रीय अध्यक्ष, संगठन मंत्री श्रीमती राजजी झंवर, उपाध्यक्ष सरला काबरा, सह सचिव जमुनाजी हेड़ा के साथ भुबनेश्वर, कटक, संबलपुर, राउरकेला, पटना, रांची, जमशेदपुर और कोलकाता का किया ।

पश्चिमाञ्चल: जोधपुर, जयपुर, बीकानेर, श्रीगंगानगर, सरदारशहर तथा टोंक आदि स्थानों का भ्रमण राष्ट्रीय अध्यक्षा तथा महामंत्री उपाध्यक्षा आशा माहेश्वरी एवं प्रादेशिक अध्यक्ष श्रीमती किरण जी माहेश्वरी के साथ किया गया ।

मध्यांचल: पश्चिमी मध्य प्रदेश, गुजरात, विदर्भ, मध्य मध्य प्रदेश का भ्रमण प्रदेश अध्यक्ष व सचिव के साथ आयोजित किया गया था, श्रीमती निर्मला बाहेती और श्रीमती उर्मिला कलंत्री श्रीमती उमा जाजू व श्रीमती ज्योति बाहेती तथा श्रीमती उषा करवा एवं सह सचिव पुष्पलता परतानी के साथ विभिन्न छोटे-छोटे गांव घाटा बिल्लोद, झाबुआ, रणकपुर, अलीराजपुर, हिम्मतनगर, जामनगर, बड़ौदा, कपडवंज, अहमदाबाद, मनोरा, पुसद, डिगरस तथा वर्धा आदि स्थानों का भ्रमण किया।

उत्तरांचल: सभी प्रदेशों का भ्रमण उपाध्यक्ष श्रीमती मंजू बांगड, श्रीमती कांता गगरानी सह सचिव, श्रीमती पूनम राठी, श्रीमती राधा जाजू आदि के साथ पंजाब में हिसार सिरसा, भटिंडा, अमृतसर, लुधियाना, पूर्वी उत्तर प्रदेश में भदोई, गोला गोकर्णनाथ, लखनऊ, वाराणसी, मथुरा, गोकुल, कानपुर, दिल्ली आदि का भ्रमण करने से बहनों में समाज के प्रति भावना जागी ।

दक्षिणांचल: के पांचों प्रदेशों का भ्रमण उपाध्यक्ष शैला कलंत्री व प्रदेश अध्यक्ष श्रीमती पुष्पा तोषनीवाल, श्रीमती कलावती जाजू, श्रीमती लीला चांडक, श्रीमती शोभा भूतड़ा आदि के साथ राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं महामंत्री ने किया। जिससे बहनों में प्रादेशिक मीटिंग में आने व मीटिंग लेने का उत्साह बढ़ा। ग्राम विकास समिति के प्रति जागरूकता बढ़ी व गांव गोद लेने का उत्साह बढ़ा। ग्राम विकास समिति द्वारा गांव में बहनों को स्वावलंबी व आत्म निर्भर बनाकर ग्रामोत्थान का प्रयास किया जा रहा है।

अभिनंदन: दसम सत्र में राष्ट्रीय पूर्व अध्यक्षों का समाज के प्रति समर्पित भावना से दूसरों को प्रेरणा देने हेतू प्रादेशिक व राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान किया गया। श्रीमती लताजी लाहोटी का शिर्डी में, श्रीमती विमलाजी साबू का अहमदाबाद में, श्रीमती गीता जी मूँदडा का उज्जैन में एवं श्रीमती रत्ना देवी जी काबरा एवं श्रीमती मनोरमा जी लड्डा का इंदौर महाधिवेशन में सम्मान पत्र, शॉल, श्रीफल देकर अभिनंदन किया गया।

सेवा एवं सहयोग: वन बंधु परिषद को आदिवासी अंचल के ग्रामीण बच्चों के शिक्षार्थ 1 लाख रूपए सहयोग स्वरुप प्रदान किए गए। नेपाल में भूकंप आने पर समाज गणों को सहायतार्थ एक लाख रुपए का सहयोग सभी ने मिलकर किया समाज की बेटी कुमारी श्रद्धा मंदिरा को योगा के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भाग लेने हेतु करीब दो लाख रूपए का सहयोग प्रदान किया बेटी बचाओ अभियान हेतु भी सहयोग प्रदान किया अखिल भारतीय माहेश्वरी छात्रावास ट्रस्ट को एक हाल के निर्माण हेतु 1500000 रुपए का सहयोग दिया गया माहेश्वरी महिला पत्रकार संगठन का मुखपत्र है एवं प्रति दो महा में प्रकाशित होती है जिसमें राष्ट्रीय प्रार्थी व स्थानीय कार्यक्रमों की जानकारी के साथ पठनीय उपयोगी रचनाएं समाहित की जाती है माहेश्वरी महिला समिति को अखिल भारतीय माहेश्वरी महिला संगठन से 100000 रूपए का सहयोग दिया गया अखिल भारतीय माहेश्वरी सेवा महिला सेवा ट्रस्ट: सन 2005 में स्थापित ट्रस्ट द्वारा जरूरत मैन बहनों
में बच्चों को शिक्षा स्वास्थ्य व स्वरोजगार हेतु अनुवाद अनुदान की दिया जाता है अब तक लगभग 500 बालिकाओं व महिलाओं को 4000000 रुपए सहायता प्रदान की गई राष्ट्रीय संगठन द्वारा एक लाख रुपए का सहयोग अखिल भारतीय महिला सेवा ट्रस्ट को दिया गया।

एम एम यू ब्रांड : माहेश्वरी महिला उद्योग के नाम से रजिस्टर्ड संस्था द्वारा महिलाओं को स्वावलंबी बनाने हेतु व्यवसाय करने का अवसर प्रदान किया गया है इसके अलावा उसमें से ₹50000 का सहयोग ट्रस्ट को दिया गया।

महाधिवेशन: सृजन सेतू करीब 3000 बहनों की उपस्थिति में बहनों का महाकुंभ इंदौर में आयोजित किया गया जिसका मुख्य उद्देश्य समाज के युवा प्रोफेशनल पीढ़ी को समाज की ओर आकर्षित कर जोड़ना था | परंपराओं के साथ भावी पीढ़ी का ज्ञान विज्ञान, ऊर्जा, उत्साह, उमंग का समन्वय और दोनों के सहयोग से समाज का उत्थान व विकास हो | काफी हद तक कैरियर वाली सी. ए., सी. एस., डॉक्टर्स, फैशन डिज़ाइनर, एवम उद्यमी बहनें इस माध्यम से जुड़ी व समाज में उनको पहचान व मंच मिला। जिससे वो लाभान्वित हुई और समाज को उनका लाभ मिलेगा।

अनुभूति: राष्ट्रीय कार्यसमिति की पंचम बैठक पुष्कर में आयोजित की गयी साथ ही पश्चिमांचल का अधिवेशन भी लिया गया एवं प्रदेशों की गतिविधियों की रिपोर्ट फाइलिंग प्रतियोगिता भी राखी गई तथा ५ बहनों को पुरुस्कृत किया गया।